अभी अभी हुआ ऐतिहासिक फैसला: कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को मिलेगी सरकारी नौकरी देगी सरकार

नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर में नौकरी की चाह रखने वाले करीब 200 कश्मीरी पंडित युवाओं और राज्य सरकार के बीच पिछले पांच साल से चल रही कानूनी लडाई खत्म हो गई। राज्य सरकार ने इन युवाओं को खुश करते हुए नियुक्ति देने का फैसला किया है। इन कश्मीरी पंडित युवाओं ने इसे न्याय की जीत बताया और इसके लिए मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती की सराहना की।

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अनएम्प्लायड पिटिशनर्स फोरम के अध्यक्ष राहुल काचरू ने कहा कि हम महबूबा के आभारी हैं जिन्होंने अपना वादा निभाया और हाई कोर्ट के 2015 में दिए गए आदेश के अनुसार हमें नौकरी देने का फैसला किया। राज्य सरकार ने शुक्रवार को फैसला किया कि प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 पूरक पद सृजित किए जाएंगे। कैबिनेट ने 198 याचिकाकर्ताओं को इस शर्त पर नौकरी देना तय किया कि वे 21 दिन के अंदर संबंधित विभागों में नौकरी ज्वाइन कर लेंगे। ऐसा नहीं करने पर नौकरी रद्द कर दी जाएगी।

काचरू ने कहा कि हम 2012 से कानूनी ल़़डाई ल़़ड रहे हैं। हममे से कुछ की सरकारी नौकरी की उम्र भी निकल गई। राज्य सरकार ने 2012 मे कश्मीरी पंडितों के लिए प्रधानमंत्री के पैकेज से 2300 पदों के लिए नए सिरे से आवेदन बुला लिए जिसके खिलाफ हम कोर्ट गए थे। 2010 में 1500 पद निकाले गए। अजा-जजा के पद सरकार ने रोक लिए जबकि कश्मीरी पंडित इन श्रेणियों में नहीं आते हैं।

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सरकार ने प्रतीक्षा सूची की अनदेखी कर नए आवेदन मंगा लिए। कोर्ट ने याचिका लगाने वालों के लिए पद सुरक्षित रखने का फैसला दिया था। इन युवकों ने ल़़डाई में साथ देने वाले ऑल पार्टीज माइग्रेंट को-ऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन विनोद पंडित का भी शुक्रिया अदा किया।

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