इस नए तरीके से जालसाज खाली कर रहे अकाउंट ,धोखाधड़ी से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
May 19, 2019
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एक ओर जहां भारत सरकार देश में डिजिटल लेनदेन यानी नेट बैंकिंग को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर डिजिटल लेनदेन के चलते लोगों के साथ धोखाधड़ी हो रही है। साल 2021 तक देश में डिजिटल लेनदेन चार गुना तक बढ़ने की उम्मीद है। डिजिटल लेनदेन ग्राहकों के लिए लाभदायक होने के साथ-साथ उनके लिए खतरा भी है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ सालों में ऐसे कई मामले दर्ज हुए हैं जिससे ये साफ है कि नेट बैंकिंग के जरिए जालसाज आपके बैंक खाते तक आसानी से पहुंच जाते हैं। आइए जानते हैं कि सुरक्षित नेट बैंकिंग के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको बैंकिंग का इस्तेमाल किसी असुरक्षित WIFI नेटवर्क से नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी जानकारी आसानी से हैक की जा सकती है, जिसकी वजह से आपका बैंक खाता भी खाली हो सकता है। इसलिए नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते वक्त आपको सार्वजनिक नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
नेट बैंकिंग के लिए आपको हमेशा वेरिफाइड या भरोसेमंद ब्राउजर का ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप अनऑथेंटिक साइट से कोई भी एप या सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते हैं तो धोखाधड़ी की संभावना और बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसमें बग या वायरस हो सकता है। इसके साथ ही आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में बेहतर एंटी-वायरस प्रॉटेक्शन सिस्टम रखें ताकि वायरस या साइबर अटैक से आप अलर्ट हो सकें।
ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सबसे जरूरी है आपके पासवर्ड का सुरक्षित रहना। आपके निट बैंकिग के पासवर्ड को जालसाज हैक कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपना पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें। अगर आप अपने पासवर्ड में स्पेशल कैरेक्टर और न्यूमरल को शामिल करते हैं तो वो और भी ज्यादा सुरक्षित हो जाता है।
अपने नेट बैंकिंग का पासवर्ड, ओटीपी, पिन, कार्ड वेरिफिकेशन कोड (CVV) और यूपीआई पिन को किसी के साथ साझा ना करें। अगर आप अपना पासवर्ड भूल जाते हैं तो उसकी रिकवरी स्मार्ट तरीके से करें।
धोखाधड़ी से बचने के लिए आप किसी फिशिंग ईमेल पर कभी क्लिक न करें और ऑनलाइन भुगतान में हमेशा वन टाइम पासवर्ड (OTP) का विकल्प ही चुनें। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो सकती है।