इस तरह से करें गायत्री मंत्र का जाप, मां लक्ष्मी हो जायेंगी मेहरबान

हिन्दू धर्म में प्राचीन समय से ही गायत्री मंत्र का काफी महत्व है। साधु, संत, ऋषि, मुनियों ने इस मंत्र के बारे में काफी कुछ बताया है। आज के समय में पूजा, हवन में गायत्री मंत्र का उच्चारण किया जाता है। इस मंत्र के उच्चारण से व्यक्ति की मनोवृतियां शांत रहती है। साथ ही अपनी मनोकामना भी सफल कर सकता है, लेकिन इस मंत्र के उच्चारण के लिए कुछ नियम बताए गए हैं।इस तरह से करें गायत्री मंत्र का जाप, मां लक्ष्मी हो जायेंगी मेहरबान

शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर 100 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। इससे अभिचार जन्य भय से मुक्ति मिलती है।
 

गिलोय को अंगूठे के बराबर छोटे छोटे टुकड़े कर लें और इन्हें गाय के दूध में मिलाकर 108 बार गायत्री मंत्र के साथ अग्नि में आहुति दें। इससे रोगों से मुक्ति मिलती है।
 

जो व्यक्ति गायत्री मंत्र के 100 बार उच्चारण से अभिमंत्रित मिट्टी का ढ़ेला जिस दिशा में फेंकता है, उस दिशा से उसे अग्नि और शत्रुओं का भय नहीं होता।
 

लक्ष्मी प्राप्ति हेतु लाल पुष्पों से 108 बार मंत्र जप के साथ आहुति देनी चाहिए। 
 
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