इनेलो से अजय चौटाला भी निष्कासित, निर्णायक मोड़ पर पहुंचा चौटाला परिवार में टकराव
इनेलो और चौटाला परिवार की कलह में नया मोड़ आ गया है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला को इनेलो से निष्कासित कर दिया गया है। इससे पहले अजय चाैटाला के दोनों बेटों सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। दूसरी अोर, दिग्विजय चौटाला ने अजय चौटाला के निष्कासन के पत्र का फर्जी बताया है।
अजय चौटाला के निष्कासन का आदेश इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के हवाले से जारी किया गया है। यह घोषणा विधानसभा में नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला और इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने आज यहां की। अशोक अरोड़ा ने 17 नवंबर को चंडीगढ़ में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई है। बता दें कि अजय चौटाला ने इनेलोे का महासचिव होने के नाते 17 नवंबर को जींद में इनेलो की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। अजय ने इसके लिए पत्र भी जारी किया था। इसके बाद से पार्टी में घमासान मचा हुआ था। अजय चौटाला और अभय चौटाला के समर्थक आमने-सामने आ गए थे।
अभय चौटाला का खेमा जींद में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाने के अजय चौटाला के अधिकार पर सवाल उठा रहा था। दूसरी ओर, इनेलो के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. केसी बांगड़ का कहना था कि अजय चौटाला को बैठक बुलाने का पूरा अधिकार है। डॉ. बांगड़ को अजय चौटाला का समर्थक माना जाता है। इसके बाद बुधवार को अजय चौटाला पर उनके पिता ओमप्रकाश चौटाला ने गाज गिरा दी और इनेलो से निष्कासित कर दिया। ऐसे में अब पार्टी और परिवार में सुलह के तमाम रास्ते बंद होते दिख रहे हैं।
चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अभय सिंह चौटाला ने अजय चौटाला पर खुलकर हमले किए। अभय चौटाला ने कहा कि गोहाना रैली के बाद जो घटनाक्रम हुआ वह आहत करने वाला है और इस बारे में मैं खुलकर बताऊंगा। उन्हाेंने कहा कि इस पार्टी के सर्वेसर्वा आेमप्रकाश चौटाला है अौर इनेलो में बस उनकी ही चलती है।
अभय चौटाला ने कहा, चौटाला साहब के जेल जाने के बाद मैंने अपनी जिम्मेवारी को निभायाI मीडिया में कहा गया कि मैंने बीजेपी की भूमिका निभाया,जो गलत है। विधानसभा और विधानसभा के बाहर हमने अपनी जिम्मेदारी अच्छे तरीके से निभाई आैर इसमें विधायकों का भी साथ था।
भावुक होते हुए अभय चाैटाला ने कहा, मैंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। मेरा किसी के साथ कोई विवाद नहीं है, अगर कुछ होता तो 20 साल पहले ही हो जाता। आप सभी अगर दोषी ठहरा रहे हैं तो मैं अपना बस्ता लेकर चला जाऊंगा I कांग्रेस के पेड लोग हमारी पार्टी को खराब कर रहे हैं। अभय चौटाला ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल को तीन लोगाें ने बनाया। आेमप्रकाश चौटाला, अजय सिंह चौटाला और डॉ. अशोक अरोड़ा ने संगठन को बनाया। मैं तो इनके साथ चलता रहा।
अभय ने कहा, मैंने विधानसभा में दबाव और सभी सदस्यों को बोलने का मौका दिलवाया। गोहाना रैली के बाद आहत करने वाली घटनाएं हुईं। मुझे दुर्योधन की संज्ञा दी गई और जयचंद कहा गया। मेरा बड़ा भाई मुझे ऐसा कहे जिसे मैंने राजनीतिक ताकत दी, इससे मुझे ठेस पहुंची।
उन्होंने कहा कि ओम प्रकाश चौटाला और अजय सिंह चौटाला को सजा हुई तो कार्यकर्ता मायूस थे कि अब पार्टी कैसे चलेगी। इस हालात से कांग्रेस के लोग खुश थे। लेकिन पार्टी मजबूती से खड़ी ही नहीं हुई, आगे भी बढ़ी। मेरे ऊपर कार्यकर्ता को मजबूर करने और उन परदबाव बनाने का आरोप लगा I करनाल में कहा गया कि अजय और ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं। ऐसे में अब अभय और दुष्यंत में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाना है।
अभय चौटाला ने कहा अजय सिंह जी ने राजस्थान की राजनीति की है और एक बार भिवानी लोकसभा से चुनाव लड़ा। उनसे ज्यादा मेरा हरियाणा को लेकर अनुभव है। कुछ लोग आज भी प्रयास में लगे हैं की पार्टी बर्बाद हो। ऐसे लोगों को मेरा यही संदेश की आेमप्रकाश चौटाला को सर्वेसर्वा मानना है और हरियाणा में उनकी सरकार लानी है I
उन्होंने कहा कि हमने तीसरा चुनाव चौटाला साहब और अजय सिंह चौटाला की गैरमौजूदगी में लड़ा और कामयाबी हासिल की। कश्मीर से कन्याकुमारी तक दो रिजनल पार्टी ने चुनाव जीत हासिल की और इनमें से एक इनलो था। अभय चौटाला ने कहा कि मैंने बाई इलेक्शन में 98 प्रतिशत वोट हासिल किए I इस पार्टी को कोई कमजोर न कर सकता है और न कर सकेगा। हमारी पार्टी में कमजोर किस्म के लोग घुसपैठ करके आते हैं। 15 लोग नही बल्कि चार साल वाले लोग पार्टी के लिए दिमाग की तरह है।
पूरे विवाद में चौटाला परविार के करीबी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की मध्यस्थता के बारे में पूछे जाने पर अभय चौटाला ने कहा कि मेरा बादल साहब से मिलने का कोई कार्यक्रम नही है। वैसे भी प्रकाश सिंह बादल आज वह मुक्तसर में हैं। वह चंडीगढ़ में ही नही हैं तो फिर मुलाकात कैसे हो सकती है।
इससे पहले इनेलो के प्रदेश प्रधान डॉ. अशोक अरोड़ा ने अजय चौटाला द्वारा जींद में 17 नवंबर को बुलाई गई बैठक में कार्यकर्ताओं और नेताओं के शामिल होने पर रोक लगा दी। उन्होंने अजय चौटाला द्वारा बुलाई गई बैठक को पार्टी संविधान के खिलाफ करार दिया। पत्र में कहा गया है कि इस तरह की बैठक इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष की स्वीकृति से ही बुलाई जा सकती है। ऐसे में इस तरह बैठक बुलाना वैध नहीं है। इस तरह प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाना अनुशासनहीनता है और इस पर कार्रवाई की जा सकती है।
उधर सिरसा में अजय सिंह चौटाला के पुत्र दिग्विजय सिंह चौटाला ने पूरे मामले को षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि अजय चौटाला के निष्कासन का पत्र पूरी तरह फर्जी है और यह पूरा मामला फ्राड है। इसका जवाब 17 नवंबर को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इनेलो में सारे फैसले कुछ लोग बंद कमरों में ले रहे हैं।
दिग्विजय ने अजय चौटाला के निष्कासन के पत्र को फर्जी करार देते हुए कहा कि 12 नवंबर के बाद कोई व्यक्ति पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला से नहीं मिला है तो फिर इस पत्र पर ओमप्रकाश चौटाला के इप हस्ताक्षर कैसे हो गए। दिग्विजय ने कहा कि पूरा षड्यंत्र आर एस चौधरी जैसे लोगों का है।