इंसान के सोने के तरीकों से जानें उसका व्यक्तित्व

अच्छे स्वास्थ्य के लिए चैन की नीन्द लेना जरूरी होता है। जब इंसान दिन भर काम करके थका हारा रात को घर लौटता है, तो उसके मन में बस यही चलता है की अब वह चैन कि नीन्द सोएगा। वैज्ञानिक दृष्टि से हर इंसान को रोजाना कम से कम 6 घंटे सोना चाहिए। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि सोने के माध्यम से आप इंसान की पर्सनैलिटी के बारे में भी पता कर सकते हैं। जी हां जानकर तो आपको भी यकीन नहीं होता होगा। लेकिन यह बात बिलकुल सच है। आज हम आपको सोने के तरीके से इंसान की पर्सनैलिटी के बारे मेें बताने जा रहे हैं।

जो लोग करवट लेकर सोते हैं वे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए चिंतित रहते हैं। करवट लेकर सोने वाले इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के बारे में अधिक सोच-विचार करते हैं। जो लोग शरीर को मोड़कर सोते हैं उन लोगों को आराम अधिक पसंद होता है। वे अपनी लाइफ को ऐशो-आराम से जीते हैं। ऐसे लोगों को अधिक सुख प्राप्त करने की लालसा होती है और इनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। जो लोग अपने हाथों को मोड़कर सोते है। वे ख्यालों में खोये रहते हैं और अपनी मस्ती में मस्त रहते हैं। इन लोगों की सोच बड़ी होती है।

जो लोग अपने पैर के उपर पैर रखकर सोते हैं उनको दूसरों की अधिक फिक्र होती है। इन लोगों को हमेशा दूसरों की चिंता रहती है। ये किसी इंसान को तकलीफ देना पसंद नहीं करते हैं। ये अपनी लाइफ को अच्छे तरीके से जीते हैं। कुछ लोग पेट के बल लेटकर सोते हैं। ऐसे लोग हमेशा अपनी जिम्मेदारियों से भागने की कोशिश करते हैं। ये काम से बचने का बहाना तैयार रखते हैं। इनके सामने कोई चुनौती आ जाए, तो ये जल्दी घबरा जाते हैं। समुद्रशास्त्र के मुताबिक जो लोग पीठ के बल लेटकर सोते है वह लाइफ में बहुत एक्टिव रहते हैं। वे अपनी बात को पूरा करने का प्रयास करते हैं और अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाते हैं।

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