अमेरिका और ब्रिटेन के कूटनीतिक संबंधों में पैदा हुए तनाव के बीच, ब्रिटिश राजदूत ने दिया इस्तीफा

अमेरिका और ब्रिटेन के कूटनीतिक संबंधों में पैदा हुए तनाव के बीच बुधवार को ब्रिटिश राजदूत किम डैरोच ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अमेरिकी सरकार के कार्यकलाप पर ब्रिटिश सरकार को भेजे डैरोच के ई-मेल संदेश सार्वजनिक हो जाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें आपसी रिश्तों के लिए अच्छा नहीं बताया था। उन्हें बहुत मूर्ख व्यक्ति बताया था।

ब्रिटिश राजदूत ने अपने गोपनीय संदेशों में ट्रंप प्रशासन को अनाड़ी और अयोग्य लिखा था। ट्रंप पर भी तल्ख टिप्पणियां की थीं। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह कयासबाजी छोड़कर मामले का अंत देखना चाहते हैं। डैरोच के लिए अब अमेरिका में काम करना असंभव होगा। दो दिन पहले संदेशों के मीडिया में सार्वजनिक होने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे के प्रवक्ता ने डैरोच पर पूरा भरोसा जताया था, लेकिन उनकी सोच को अस्वीकार्य बताया था।

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उन्होंने कहा था कि डैरोच के संदेश उनकी व्यक्तिगत सोच पर आधारित हैं, जिनसे ब्रिटिश सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका और ब्रिटेन के बहुत पुराने और खास संबंध हैं। दुनिया के हर मंच और मोर्चे पर दोनों देश साथ मिलकर कार्य करते हैं।

इस्तीफा देने से पहले किम डैरोच ने कहा, गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक होने के बाद से ही उनके कार्यकाल को लेकर कयास लग रहे थे। वह अब इन कयासों को खत्म कर रहे हैं। उन्होंने उत्पन्न स्थिति में अपने लिए राजदूत के पद पर काम कर पाना असंभव बताया। डैरोच ने ब्रिटिश विदेश मंत्रालय में कूटनीतिक सेवा के प्रमुख साइमन मॅक्डोनाल्ड को अपना इस्तीफा भेज दिया है।

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