अगर अपनी छुट्टियां को बनाना हैं यादगार, तो रोमानिया का करें प्लान

घूमना-फिरना किसे अच्छा नहीं लगता। शूटिंग से फारिग होने पर मैं भी अक्सर दोस्तों संग, तो कभी पारिवारिक सदस्यों के साथ घूमने निकल जाता हूं। अभिनय के क्षेत्र में आने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि देश-विदेश में घूमने के मौके मिलते रहते हैं। यूं तो मैं कनाडा, यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत विभिन्न देश घूम चुका हूं। मगर यूरोप महाद्वीप का देश रोमानिया मुझे इतना भाता है कि जब कभी मैं वहां जाता हूं, तो वहां से लौटने का मन ही नहीं करता।अगर अपनी छुट्टियां को बनाना हैं यादगार, तो रोमानिया का करें प्लान

पहली बार जब मैं रोमानिया गया था, तो वहां जाकर मेरा रोम-रोम खिल उठा। रोमानिया का कल्चर और वहां का रहन-सहन मुझे बेहद भाता है। मैं अब तक तीन बार रोमानिया गया हूं। अभी जल्दी ही परिवार के साथ दोबारा रोमानिया घूमने-जाने का प्रोग्राम बना ही रहा हूं। मैं जब पहली बार एक एड शूट के सिलसिले में रोमानिया गया था, तो वहां का कल्चर व रहन-सहन देख भावनात्मक जुड़ाव हो गया। मैं गया तो सिर्फ एक दिन एड शूट के लिए था। मगर वहां का माहौल देखकर तीन दिन वहां और रहने का प्रोग्राम बना लिया और तीन दिन बहुत घूमा, इंज्वाय किया। बहुत कम लोग जानते हैं कि मैं एक चित्रकार भी हूं। मुझे पेंटिंग्स का बहुत शौक है। बतौर आर्टिस्ट मुझे तो रोमानिया की आबो-हवा में भी आर्ट नजर आया। मैं रोमानिया जाने से पहले महज कैनवस पर जो पेंटिंग्स बनाता था, वह सिर्फ मेरी कल्पना तक सीमित थी, मगर वहां जाकर मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे में पेंटिंग्स के फ्रेम में खुद उतर आया हूं।अगर अपनी छुट्टियां को बनाना हैं यादगार, तो रोमानिया का करें प्लानरोमानिया की खूबसूरती का अहसास वहां जाकर ही हो सकता था। अगर मैं एड शूट के चलते रोमानिया न गया होता तो शायद आज तक रोमानिया की खूबसूरती से वंचित ही रहता। मैं तो जब भी रोमानिया जाता हूं बस वहीं का होकर रह जाता हूं। देखा जाए तो अमेरिका थोड़ा मैकेनिकल है, इसलिए मुझे वो इतना नहीं भाया, जितना ईस्ट यूरोप में स्थित रोमानिया भाया। क्योंकि यूरोप महाद्वीप के सभी देशों, राज्यों व शहरों का स्टाइल एक जैसा है। अन्य देशों के मुकाबले ये ज्यादा आर्टस्टिक है। इसलिए चित्रकार व आर्टिस्ट होने के नाते भी रोमानिया व इसके साथ लगते क्षेत्र मुझे अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

वहां तो कोई पेड़ भी लगा है तो ऐसा लगता है, जैसे कोई बड़ी नजाकत के साथ खड़ा है। वहां का पर्यावरण काफी हरा-भरा है। हर घर के बाहर गमलों में पौधे व पेड़ लगे नजर आते हैं। वहां के लोगों का पहनावा बहुत अलग है। महिलाएं बड़े-बड़े जूड़े बनाती हैं, तो वहां के पुरुष बड़े-बड़े हैट पहने नजर आते हैं, जो उन्हें सबसे अलग व आकर्षक बनाता है। मुझे ऐसा महसूस होता है कि जैसे ये कोई लैंडस्केप है और मैं उसका हिस्सा हूं। रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट समेत वहां सिनानिया, डेन्यूब डेल्टा, सिघिसोआरा, सिबियु, ब्रासोव आदि दर्शनीय स्थल हैं। जहां घूमना-फिरना जन्नत घूमने समान लगता है।

बुखारेस्ट में काफी मठ हैं, जिनकी दीवारों को यीशू, संत-महात्माओं, स्वर्ग के दूतों के अलावा स्वर्ग व नरक जैसी आकृतियां उकेरकर आकर्षक बनाया गया है। देखने वाला बस इन्हें देखता ही रह जाता है। यूरोप की सबसे बड़ी नदी डेन्यूब डेल्टा का ज्यादातर भाग रोमानिया में ही आता है। यहां पौधों व जानवरों की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। रोमानिया में पर्वतीय क्षेत्रों में बने रिसोर्ट भी मन को भाते हैं। बिगर वाटरफॉल भी पर्यटकों के नयनों को खूब भाता है। रोमानिया में ही तिमिसोरा नामक शहर में काफी पेंटिंग्स भी देखने को मिलती हैं।

मेरे जैसे आर्ट प्रेमियों के लिए यह शहर काफी मायने रखता है। पहाड़ियों व मठों से घिरे सिनानिया में पर्यटक जाकर खुद को आनंदित महसूस करते हैं। गर्मियों में पर्यटक यहां पैदल यात्रा का आनंद ले सकते हैं तो सर्दियों में डाउनहिल स्कीइंग का लुत्फ उठा सकते हैं। रोमानिया के साथ-साथ मुझे यूरोप का ही स्पेन व रोम भी खूब भाता है। वहां की खूबसूरती का भी मैं दीवाना हूं। लंदन की नेशनल आर्ट गैलरी भी मुझे बेहतरीन लगी।

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