स्वाइन फ्लू : दूसरे राज्यों में संक्रमण ज्यादा पर मौत सबसे अधिक मप्र में

swine_flu_mp_10oct_20151011_102818_11_10_2015 (1)प्रदेश में भले ही स्वाइन फ्लू के इलाज व जरूरी इंतजामों के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हो, लेकिन हकीकत इससे अलग है। अन्य राज्यों की तुलना में पॉजीटिव मरीजों की सबसे ज्यादा मौत मध्यप्रदेश में हो रही है। इस वर्ष जुलाई से अब तक स्वाइन फ्लू से संक्रमित 27 फीसदी मरीजों की मौत हो गई।

जबकि दूसरे राज्यों में 90 फीसदी से ज्यादा संक्रमित मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए। यह खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलेंस प्रोग्राम (आईडीएसपी) विंग द्वारा सभी राज्यों की स्वाइन फ्लू संक्रमण रिपोर्ट में हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में हैं। वहां अब तक 2,376 लोग बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन इलाज जल्दी शुरू होने से 95 फीसदी मरीजों को बचा लिया गया। कई राज्य तो ऐसे हैं, जहां स्वाइन फ्लू की चपेट में आए सभी मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गए।

मप्र में स्वाइन फ्लू की दस्तक के पहले गुजरात और महाराष्ट्र में 50 से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल चुके थे, पर इलाज के माकूल इंतजाम होने के कारण उन्हें भी बचा लिया गया। हालांकि प्रदेश में स्वाइन फ्लू मरीजों की मौत की बड़ी वजह इलाज में देरी और जांच में कोताही बरतना भी सामने आया है। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने पर मरीज को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा।

डेथ रेट भी सबसे ज्यादा

राज्य पॉजीटिव मौत डेथ रेट

मप्र 98 26 27 फीसदी

गुजरात 309 36 9 फीसदी

गोवा 87 07 6 फीसदी

महाराष्ट्र 2,376 127 5 फीसदी

कर्नाटका 219 00 0 फीसदी

केरल 222 00 0 फीसदी

(आंकड़े एक जुलाई 2015 से 7 अक्टूबर तक के हैं)

इस साल सिर्फ 21 जिलों के मरीज पॉजीटिव

पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट है। हर जिले में स्वाइन फ्लू की अलग से ओपीडी चल रही है, लेकिन संदिग्ध मरीजों के सैंपल आधे जिले भी नहीं भेज रहे हैें। यही वजह है कि इस साल सिर्फ 21 जिलों के ही नमूने पॉजीटिव आए हैं।

यह है वजह

– मरीज गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचते हैं तब तक संक्रमण बढ़ जाता है।

– कई जिले सैंपल लेने में कोताही बरतते हैं। इलाज की बजाय रेफर कर देते हैं।

– दूसरे राज्यों में ज्यादा से ज्यादा संदिग्ध मरीजों की जांच की व्यवस्था है।

– प्रदेश में सिर्फ जबलपुर, ग्वालियर और एम्स भोपाल में जांच हो रही है।

– लोग में जागरूकता की कमी है, सर्दी-जुकाम समझ वे इलाज से बचते हैं।

प्रदेश में इलाज के पर्याप्त इंतजाम

सभी जिलों में स्वाइन फ्लू ओपीडी शुरू की गई है। पल्स ऑक्सीमीटर भी दिए गए हैं, जिससे जल्दी संक्रमित मरीज की पहचान हो सके। इलाज के लिए बाकी संसाधन व दवाएं भी पर्याप्त हैं। – गौरी सिंह, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य

 

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