अक्षय तृतीया पर पड़ सकती हैं भारी सोने की ऊंची कीमतें

gold_06_05_2016मुंबई। अक्षय तृतीया सोना खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है। फिलहाल ज्वैलर्स को आशंका है कि इस बार बिक्री में कमी या मामूली बढ़ोतरी ही होगी। हाल में इस पीली धातु की कीमत में तेजी इसकी वजह है। सोना 30 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के ऊपर पर चल रहा है।

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन श्रीधर जीवी ने बताया कि अक्षय तृतीया नौ मई को है। पिछले साल के मुकाबले इस बार बिक्री में मामूली बढ़ोतरी की उम्मीद है।

सोने की कीमत का बहुत ज्यादा होना और देश में सूखा मौसम इसके प्रमुख कारण हैं। कुल मिलाकर बाजार का रुझान सकारात्मक होने के बावजूद सोने की कीमत में बढ़ोतरी से भारी-भरकम जेवरात की मांग पर अंकुश लग सकता है। लोग चेन और कड़े जैसे छोटे-छोटे आइटम खरीद सकते हैं।

इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए पूर्व जीजेएफ के चेयरमैन बच्छराज बमालवा ने कहा कि मात्रा के लिहाज से उपभोक्ता मांग में करीब 10 फीसद की कमी आ सकती है। लेकिन मूल्य के लिहाज से बिक्री पिछले साल के स्तर पर रह सकती है।

सोना सुधरा, चांदी फिसली

विदेश में मजबूती के बीच आभूषण निर्माताओं और निवेशकों ने सोने में लिवाली की। इससे स्थानीय सराफा बाजार में शुक्रवार को यह पीली धातु 25 रुपये सुधरकर 30 हजार 125 रुपये प्रति दस ग्राम हो गई। इसके उलट औद्योगिक यूनिटों व सिक्का निर्माताओं की मांग के अभाव में चांदी 60 रुपये फिसलकर 41 हजार 40 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई।

विदेशी बाजार का असर

लंदन के अंतरराष्ट्रीय सराफा बाजार में सोना 0.16 फीसद बढ़कर 1279.70 डॉलर प्रति औंस हो गया। घरेलू बाजार की कारोबारी धारणा पर भी इसका असर पड़ा। यहां सोना आभूषण के भाव 25 रुपये मजबूत होकर 29 हजार 975 रुपये प्रति दस ग्राम हो गए।

आठ ग्राम वाली गिन्नी पूर्वस्तर 23 हजार 300 रुपये पर यथावत रही। साप्ताहिक डिलीवरी वाली चांदी 450 रुपये चमककर 41 हजार 330 रुपये प्रति किलो बोली गई। चांदी सिक्का बिना किसी बदलाव के 69000-70000 रुपये प्रति सैकड़ा पर बंद हुआ।

सोने का आयात घटा

ज्वैलर्स की करीब डेढ़ महीने चली लंबी हड़ताल का असर देश के सोना आयात पर भी पड़ा है। इसकी वजह से 2015-16 में सोना आयात 10 फीसद घटकर 950 टन रह गया। वित्त वर्ष 2014-15 में यह 1050 टन रहा था। एमएमटीसी के सीएमडी वेद प्रकाश ने यह जानकारी दी।

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