सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, बिना शर्त माफ़ी मांगे आजम खान

बुलंदशहर गैंगरेप मामले में दिए गए बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को पीड़िता से बिना शर्त माफ़ी मांगने को कहा है. यूपी के कद्दावर मंत्री आज़म ने गैंगरेप को राजनीतिक साज़िश बताया था.azam-khan

 

कोर्ट से मामले को तूल न देने का आग्रह

इस बयान को आधार बनाकर गैंगरेप की 13 साल की नाबालिग पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. पीड़िता की मांग थी कि आजम खान के खिलाफ महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए एफआईआर दर्ज हो. सुप्रीम कोर्ट ने आज़म के बयान को बेतुका बताते हुए उनसे सफाई मांगी थी. आज आज़म खान के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से मामले को तूल न देने का आग्रह किया.

पीड़िता से बिना शर्त माफ़ी मांगने को तैयार

सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल पीड़िता से बिना शर्त माफ़ी मांगने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए 2 हफ्ते में माफ़ी मांगते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने कहा, अगर पीड़ित पक्ष इस माफीनामे को मंज़ूर कर लेगा तो मामला खत्म कर दिया जाएगा.

आपको बता दें कि इस साल 30 जुलाई को यूपी के बुलंदशहर में हाइवे पर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. घटना पर बेहद हल्का बयान देते हुए आज़म खान ने इसे राजनीतिक साज़िश करार दिया.

 

पीड़ित की मनोदशा पर क्या असर पड़ेगा?

बयान की जानकारी मिलने पर कोर्ट ने इसे बेहद गंभीरता से लिया था. अगस्त में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि “संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति क्या ऐसा बयान दे सकता है? इससे पीड़ित की मनोदशा पर क्या असर पड़ेगा? कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी होती है. ऐसे बयानों से आम आदमी का भरोसा सिस्टम के उठता है.”

नेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की अनर्गल बयानबाज़ी पर विस्तार से सुनवाई की ज़रूरत बताते हुए कोर्ट ने इस मसले पर सलाह देने के लिए वरिष्ठ वकील फली नरीमन को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था.

ऐसे बयानों पर लगाम लगाने के लिए बनाए जाएंगे नियम

सुप्रीम कोर्ट ने आज ये साफ किया कि आज़म के माफीनामे के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई बंद कर दी जाएगी. लेकिन मंत्रियों की बेतुकी बयानबाज़ी पर वो सुनवाई करता रहेगा. इस बारे में विस्तार से सुनवाई कर भविष्य में ऐसे बयानों पर लगाम लगाने के लिए नियम बनाए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आज पीड़िता को 1 महीने में स्कूल में दाखिला दिलाने को कहा. कोर्ट ने साफ़ किया कि उसकी पढ़ाई का खर्च यूपी सरकार उठाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

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