वास्तु शास्त्र में रंगवाली होली से जुड़े कुछ उपायों को बताया गया है,तो आइए इसे जानें?

 प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन से होली पर्व की शुरुआत हो जाती है। पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन का आयोजन किया जाता है और अगले दिन धूम-धाम से रंगवाली होली खेली जाती है। इस वर्ष रंगवाली होली 08 मार्च 2023, बुधवार के दिन खेली जाएगी। इस विशेष दिन पर भगवान श्री कृष्ण, राधा रानी और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इसके साथ वास्तु शास्त्र में रंगवाली होली के सन्दर्भ में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं वास्तु

वास्तु नियम

  • घर पर यदि आप होली का पर्व अपने परिवार के सदस्य और दोस्तों के साथ मना रहे हैं तो दिशा का ध्यान जरूर रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि वास्तु शास्त्र में दिशा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आपका घर यदि उत्तर मुखी है तो आप पीले, हरे, नीले और आसमानी रंग से होली खेल सकते हैं। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परेशानियां दूर हो जाती हैं
  • दक्षिण मुखी में घर में व्यक्ति नारंगी, गुलाबी, बैंगनी और लाल रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और आर्थिक उन्नति का मार्ग खुल जाता है।
  • पूर्व मुखी घर में खेली जाने वाली होली में पीला, लाल, हरा, गुलाबी, नारंगी जैसे गहरे और सकारात्मक रंगों का प्रयोग कर सकते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और यश-वैभव में वृद्धि होती है।
  • वहीं पश्चिम मुखी घर में एनी रगों के साथ हल्के नीले, सुनहरे या सफेद रंग का इस्तेमाल कर सकते है। व्यक्ति द्वारा ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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