माइग्रेन : कब पड़ती है स्कैनिंग की जरूरत

migrain_29_10_2015सिरदर्द का एक गंभीर रूप जो बार-बार या लगातार होता है, उसे माइग्रेन कहते हैं। इसे आम बोलचाल की भाषा में अधकपारी भी कहते हैं। माइग्रेन एक तेज सिरदर्द है, जो आमतौर पर संवेदी चेतावनी संकेतों के साथ आता है। लोगों को तेज रोशनी, ब्लाइंड स्पॉट, हाथ-पैर में झुनझुनी, मितली, उल्टी और रोशनी व आवाज से संवेदनशीलता का बढ़ना जैसे संकेत नजर आते हैं। इसका दर्द 4-72 घंटे तक रह सकता है।

ये होते हैं कारण

माइग्रेन सिरदर्द के दौरान मितली, डायरिया, और उल्टी जैसी शिकायतें हो सकती हैं। इसके चलते भोजन छोटी आंत में देर से पहुंचता है। यानी इससे पाचन क्रिया पर विपरीत असर होने लगता है। साथ ही रोशनी और आवाज के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। एक अनुमान के अनुसार देश में करीब 15 फीसदी माइग्रेन सिरदर्द पीड़ित हैं। महिलाओं को माइग्रेन होने का खतरा पुरुषों की अपेक्षा अधिक होता है।

किन्हें हो सकती है यह परेशानी

यह सिरदर्द 15 से 45 वर्ष की आयु के लोगों को अधिक परेशान करता है। ऐसे लोग जिनके परिवार में माइग्रेन का इतिहास है, उन्हें यह बीमारी होने का खतरा तीन से चार गुना अधिक होता है। यदि आपको माइग्रेन है तो आपके परिवार में माइग्रेन के कारण सिरदर्द का इतिहास है तो उसकी मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर विशेषज्ञ इलाज करते हैं।

इन स्थितियों में कराएं ब्रेन स्क्रीनिंग

  • अचानक तेज सिरदर्द होना
  • पहले से अलग या पहले से बहुत ज्यादा दर्द होना
  • सिरदर्द के साथ उल्टी, हाथ-पैरों में कमजोरी, नजर की कमजोरी, बेहोश होना
  • पहला सिरदर्द बचपन में या 50 वर्ष की उम्र के बाद
  • सिरदर्द के कारण सुबह-सुबह नींद टूट जाए।

माइग्रेन और ब्रेन स्ट्रोक

माइग्रेन से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक का खतरा अन्य लोगों की तुलना में दोगुना होता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके इस नए शोध से स्ट्रोक के प्रति संवेदनशीलता का अध्ययन करने में मदद मिल सकेगी। धूम्रपान के साथ दिनचर्या से जुड़ी अस्वस्थ आदतें भी माइग्रेन का कारण हो सकती हैं, ऐसे में सिर के आधे हिस्से में दर्द है तो इसे गंभीरता से लें और चिकित्सक से संपर्क करें।

 

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