भारत की अर्थव्यवस्था फ्रांस से पिछड़ गई मगर मीडिया चुप है, क्योंकि वाहवाही के पैसे मिलते हैं आलोचना के नहीं

गिरते रूपये ने मोदी सरकार की लौटी तथाकथित सफलता को भी असफलता में बदल दिया है। कुछ समय पहले ही भारत की अर्थव्यवस्था 2 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा की हो गई थी। कुछ हज़ार करोड़ के अंतर से हमने फ़्रांस को पीछे छोड़ दिया था।
इसका हल्ला मोदी सरकार के प्रवक्ता से लेकर मंत्री तक ने मचाया था। लेकिन रुपये के लगातार गिरने से अब भारत की अर्थव्यवस्था 2 लाख करोड़ रुपए से कम हो गई है जबकि बाकि के देश वहीं बने हुए हैं जहाँ थे।
इस कारण फ़्रांस फिर से भारत से आगे चला गया है लेकिन सरकार खामोश है।
मनमोहन सरकार में मंहगाई को ‘डायन’ बताने वाला मीडिया आज ‘पेट्रोल’ के बढ़ते दामों पर ख़ामोश हैः आशुतोष
भारत अब 2 लाख करोड़ डॉलर वाले बाजार पूंजीकरण क्लब का हिस्सा नहीं रहा। रुपये में कमजोरी और शेयर कीमतों में गिरावट से देश की बाजार कीमत घटकर 1.98 लाख करोड़ डॉलर रह गई है, जो जुलाई 2017 के बाद का निचला स्तर है।
भारत का बाजार पूंजीकरण इस साल की शुरुआत के 2.47 लाख करोड़ डॉलर के सर्वोच्च स्तर से 20 फीसदी फिसला है। कुछ नई कंपनियों की आने के बावजूद ऐसा हुआ है, जिसने बाजार पूंजीकरण में इजाफा किया है।
पेट्रोल को 35 और डॉलर को 40 रूपए करने वाले रविशंकर और बाबा रामदेव कहाँ गए, क्या इनके अच्छे दिन आ गए है? : रवीश कुमार
भारत के बाजार पूंजीकरण में आई गिरावट में रुपये की कमज़ोरी का बड़ा योगदान रहा है। रुपया इस साल अब तक डॉलर के मुकाबले करीब 15 फीसदी कमज़ोर हुआ है। साल 2018 में डॉलर के लिहाज से भारत सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले बाजारों में शामिल है।
2 लाख करोड़ डॉलर वाले इक्विटी मार्केट क्लब में सिर्फ तीन देश फ्रांस, जर्मनी और कनाडा हैं। साल की शुरुआत में भारत का बाजार पूंजीकरण कनाडा से ज्यादा था जबकि जर्मनी व फ्रांस के करीब-करीब बराबर।
The post भारत की अर्थव्यवस्था फ्रांस से पिछड़ गई मगर मीडिया चुप है, क्योंकि वाहवाही के पैसे मिलते हैं आलोचना के नहीं appeared first on Bolta UP.

Back to top button