बहस में बोले स्‍वामी- उदार बनें मुसलमान, मंदिर बनने दें, ओवैसी का जवाब

रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को एक अहम बात कही थी कि दोनों पक्षों को इस बैठकर बातचीत से इस मसले को सुलझाना चाहिए।

इसी मुद्दे पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी और AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बीच एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान तकरार देखने को मिली। जब स्वामी से पूछा गया कि क्या इस मसले का कोर्ट के बार हल निकल सकता है तो उन्होंने कहा कि राम तो एक ही हैं और जन्म भूमि भी वही है। मस्जिद तो कहीं भी बनाई जा सकती हैं। 40 हजार मंदिरों को तोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि मुसलमान उदारवादी बनें और मंदिर बनने दें। हम उन्हें मदद करेंगे। लेकिन राम जन्मभूमि को कोई हटा नहीं सकता। वहां वैसे भी मंदिर है और उसमें पूजा होती है।

‘क्यों नहीं निकला अब तक हल’: इसके जवाब में ओवैसी ने कहा कि हिंदुस्तान किसी की आस्था पर नहीं चलेगा। जिन दिन यह मुल्क आस्था पर चलने लगेगा, यह तालिबान की तरह बन जाएगा। उन्होंने कहा कि जब दुनिया खत्म होगी तो सिर्फ मस्जिद बचेगी। सुप्रीम कोर्ट आस्था पर फैसला नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद नहीं तोड़ी गई होती, क्या सुप्रीम कोर्ट को यह बात कहनी पड़ती। उन्होंने कहा कि स्वामी जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाएं और उनसे कहें कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट गर्मियों की छुट्टियों में बैठकर ट्रिपल तलाक पर सुनवाई करेगा, उसी के साथ-साथ इस मसले पर भी रोज सुनवाई करे। ओवैसी ने यह भी कहा कि 23 साल से कई आपराधिक मामले चल रहे हैं और आपने मुरली मनोहर जोशी को पद्म विभूषण दे दिया, कल्याण सिंह गवर्नर बन गए और यहां तक कि मुंबई ब्लास्ट में भी फैसला आ गया और इस मसले का अब तक हल नहीं निकला।

‘सरयू के पार बनाएं मस्जिद’: स्वामी ने कहा कि सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देश में रोजाना सड़कें और अपार्टमेंट बनाने के लिए मस्जिदें तोड़ी जाती हैं। वहां तो पैगम्बर की बनाई मस्जिद भी तोड़ दी गई। अगर इन लोगों को मस्जिद बनानी ही है तो सरयू नदी के दूसरी तरफ बना लें। इस पर ओवैसी ने कहा कि हम भारत को सऊदी अरब नहीं बनने देंगे और सुप्रीम कोर्ट टाइटल डिस्प्यूट पर फैसला देगा न कि आस्था पर।

‘मंदिर-मस्जिद साथ बनने में एेतराज क्यों’: जब दोनों ही नेताओं से पूछा गया कि अगर 277 एकड़ उस जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों ही बन जाएं तो क्या एेतराज पर है, इसपर ओवैसी ने कहा कि जिस जगह पर मस्जिद थी और मेरा टाइटल साबित हो गया तो मैं मस्जिद वहीं बनाऊंगा। जबकि स्वामी ने कहा मुसलमानों को कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। इसके लिए मस्जिद का होना अनिवार्य नहीं है।

‘अस्पताल क्यों नहीं’: जब पूछा गया कि उस विवादित भूमि पर अस्पताल क्यों नहीं बन सकता तो स्वामी ने कहा कि मंदिर-मस्जिद साथ नहीं बन सकते, क्योंकि इससे कानून एवं व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाएगी। वहां सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा। अगर सुप्रीम कोर्ट वहां मस्जिद बनाने का आदेश दे देता है तो हमें मान्य है। वहीं इसी सवाल पर ओवैसी थोड़ा गर्म हो गए और उन्होंने कहा कि आप संविधान हो कचरे में फेंक दीजिए। जिस दिन टाइटल मेरे हक में आएगा, मैं वहां छोटी सी जमीन एक मेंटल हॉस्पिटल खोलने के लिए दूंगा, ताकि उन लोगों का इलाज हो, जिन्होंने मस्जिद को तोड़ा था।

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