फ्लेमिंगो देखने के लिए भिगवन का सैर-सपाटा है अच्छा ऑप्शन

2_1441104364आजकल पक्षियों की किलोरें सुनना आसान नहीं रहा है। खूबसूरत प्रवासी पक्षी निहारना तो और भी दुर्लभ है। आज हम आपको बताते हैं पक्षी विहार के लिए मशहूर भिगवन के बारे में…
 
भिगवन
पुणे से करीब 100 किमी दूर पुणे-सोलापुर नेशनल हाईवे पर स्थित है भिगवन। इस छोटे से कस्बे को “महाराष्ट्र का भरतपुर’ कहा जाता है। राजस्थान के भरतपुर का बर्ड सेंचुरी बहुत फेमस है। भिगवन का मौसम और वातावरण पक्षियों को खूब भाता है। यहां पर भीमा नदी पर उजनी डैम बना है। इस डैम का बैक वॉटर करीब 50 किमी के दायरे में फैला है। यहीं बैक वॉटर पक्षियों की ठहरने की जगह बन गया है। यहां पर कई प्रजाति के बत्तख और वैटलैंड में पाए जाने वाले पक्षी देखे जा सकते हैं। इन सबके बीच सैलानियों के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र यहां पर घूमने वाले फ्लेमिंगो पक्षी होते हैं। फ्लेमिंगो देखने के लिए कुंभरगांव से बोट के द्वारा जाना होता है। करीब एक घंटे की बोट राइड करने के बाद फ्लेमिंगो दिखाई देना शुरू होते हैं। यहां पर आपको सैकड़ों की तादात में फ्लेमिंगाे देखने को मिलेंगे। वैसे तो यहां पूरे साल ही फ्लेमिंगाे रहते हैं, लेकिन सिंतबर से इनकी संख्या बढ़ना शुरू हो जाती है। अगर आपको और भी पक्षी देखने हैं तो आप भिगवन से करीब 2 किलोमीटर दूर दिक्साल गांव जा सकते हैं। यहां पर कई प्रजाति के पक्षी घूमते मिल जाते हैं। भिगवन में मसालेदार भिगवनी खाने का लुत्फ जरूर लें। बारामती के पास अष्टविनायक गणेश मंदिरों में से एक मयूरेश्वर या मोरेश्वर स्थित है। इसे माेरगांव भी कहा जाता है। इस क्षेत्र का “मोर’ नाम इसीलिए पड़ा, क्योंकि यह मोर के समान आकार लिए हुए है। इसके अलावा पुणे में भी कई दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थल देखे जा सकते हैं।

 

Back to top button