त्वचा की सेहत और खूबसूरती बरकरार रखेगा सिंघाड़ा

download61पानी में पैदा होने वाला तिकोने आकार का फल है सिंघाड़ा।  मखाने की तरह  जल में पैदा होने वाले तिकोनाकार फल सिंघाड़े को सर्दियों के मौसम में अक्सर आपने सब्जी के बाजार में देखा होगा। हो सकता है कुछ लोग शौकिया तौर पर इस फल का सेवन करते हों लेकिन बहुत कम लोगों को ही इसके फायदों के बारे में जानकारी होगी। यह न सिर्फ सर्दियों की आम समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक है बल्कि बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह बहुत फायदेमंद होता है।

सिंघाड़े में पाए जाने वाले तत्व

सिघाड़े में साइट्रिक एसिड, एमिलोज, कर्बोहाइड्रेट, टैनिन, बीटा-एमिलेज, प्रोटीन, फैट, निकोटेनिक एसिड, रीबोफ्लेविन, थायमाइन, विटामिन्स-ए, सी, मैगनीज तथा फास्फोराइलेज पाए जाते हैं।

एड़ियां फटने की समस्या

एड़ियां फटने की समस्या शरीर में मैगनीज की कमी के कारण से होता है। सिंघाड़ा एक ऐसा फल है जिसमें पोषक तत्वों से मैगनिज एब्ज़ार्ब करने की क्षमता है। इसे खाने से शरीर में रक्त की कमी भी दूर होती है।

गर्भावस्था में फायदेमंद

मान्यता है कि जिन महिलाओं का गर्भकाल पूरा होने से पहले ही गर्भ गिर जाता है उन्हें खूब सिंघाड़ा खाना चाहिए। इससे भ्रूण को पोषण मिलता है और मां की सेहत भी अच्छी रहती है जिससे गर्भपात नहीं होता है। गर्भवती महिलाओं को दूध के साथ सिंघाड़ा खाना चाहिए। खासतौर पर जिनका गर्भ सात महीने का हो चुका है उनके लिए यह बहुत ही लाभप्रद होता है। इसे खाने से ल्यूकोरिया नामक रोग भी ठीक हो जाता है।

हेल्दी त्वचा के लिए

सिंघाड़े में विटामिन ए और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है जो त्वचा की सेहत और खूबसूरती बरकरार रखने में बेहद मददगार है। इसे सलाद के रूप में सर्दियों में नियमित खाने से आपकी त्वचा निखरेगी और ड्राइनेस की समस्या नहीं होगी।

 

 

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