दरअसल इस तरह की ठगी में ठग के पास आपका बैंक अकाउंट नंबर या एटीएम कार्ड नंबर पहले से होता है, बस जरूरत होती है तो एक ओटीपी की और यह ओटीपी उसके सिम स्वैप करने से मिल जाता है। इसके बाद वह आपके नंबर पर ओटीपी मंगाता है और मस्त शॉपिंग करता है।
कई परिस्थितियों वे धोखेबाज आपसे मोबाइल नंबर के साथ आधार नंबर भी मांगते हैं, क्योंकि आजकल बैंक से लेकर कई सारी सेवाएं आधार से सीधे तौर पर जुड़ी हैं।
कई बार ये ठग आपको इतना परेशान कर देते हैं कि आप गुस्से में आकर फोन ही बंद कर देते हैं और इसी का वे इंतजार करते हैं ताकि लेनदेन होने पर आपके नंबर मैसेज ना आए और आपको कुछ पता ही ना चले। ऐसे में अपना मोबाइल किसी भी कीमत पर बंद ना करें।