टीचरों पर चले लाठी-ठंडे, 2 किलोमीटर तक दौड़े ADM और SP
भोपाल. शिक्षा विभाग में संविलियन और छठवें वेतनमान की पूरी किस्त की मांग को लेकर 13 दिन से आंदोलन कर रहे अध्यापक शुक्रवार को उग्र हो गए। राजधानी में प्रदेशभर से आए शिक्षकों ने लालघाटी चौराहे पर 5 घंटे तक हंगामा किया। सुबह छोटे-छोटे समूह में एकत्रित हुए अध्यापकों ने दोपहर 12 बजे चारों तरफ से लालघाटी चौराहे को घेर लिया।
जिला प्रशासन अौर पुलिस की सख्ती के कारण अध्यापक रैली नहीं निकाल सके। इससे पहले अलग-अलग शहरों में भोपाल पहुंचने से पहले ही कई अध्यापकों को गिरफ्तार कर लिया गया। मप्र शासकीय अध्यापक संगठन के प्रवक्ता जितेंद्र शाक्य का कहना है कि पुलिस ने आंदोलन कर रहे 50 हजार से ज्यादा अध्यापकों को गिरफ्तार किया। इनमें से 35 हजार को पुलिस ने देर रात शहर के पास जगलों में ले जाकर छोड़ दिया। शेष 15 हजार अध्यापकों को रिहा करने की कार्रवाई देर रात शुरू की है।
अब 5 अक्टूबर से दिल्ली कूच
राजधानी समेत प्रदेश भर में हुई गिरफ्तारी के बावजूद अध्यापकों के तेवर नरम नहीं पड़े हैं। शासकीय अध्यापक संगठन के नेताओं जितेंद्र शाक्य और उपेंद्र कौशल ने सरकार की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि अब पांच अक्टूबर से दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देंगे।
दो किलोमीटर तक दौड़े एडीएम और एसपी
500 अध्यापक लालघाटी चौराहे से एयरपोर्ट रोड की ओर दौड़ गए। इन्हें रोकने के लिए एडीएम बीएस जामोद और एसपी अरविंद सक्सेना को भी दो किमी तक उनके पीछे दौड़ना पड़ा। इस दौरान अध्यापकों ने लालघाटी चौराहे पर 25 मिनट तक ट्रैफिक रोके रखा।
पुलिस ने दौड़ाया तो पीने लगे चाय, कुछ अस्पताल में घुसे
हंगामा कर रहे अध्यापकों को पुलिस ने खदेड़ने के लिए दौड़ाया तो अध्यापक होटल पर खड़े होकर चाय पीने लगे। इस दौरान कई पुलिस से बचने के लिए तृप्ति अस्पताल के आईसीयू में ही घुस गए, जहां से एसटीएफ के जवानों ने उन्हें बाहर निकाला।
जब जेल में जगह नहीं बची तो रास्ते में ही छोड़ दिया
अध्यापकों को लालघाटी चौराहे से स्कूल बसों में लादकर सेंट्रल जेल ले जाया गया। मौके पर मौजूद देवास से आए अध्यापकों ने बताया कि जेल में जगह नहीं बची थी तो हमें एयरपोर्ट रोड पर ही छोड़ दिया गया। कई अध्यापकों को मिसरोद के आगे ले जाकर छोड़ा गया।