गूगल ने गोविडप्पा वेंकटस्वामी के 100 वीं सालगिरह पर डूडल बनाकर किया उनको याद

नई दिल्ली। दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सर्च इंजन ‘गूगल’ ने इस बार भारत के प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी के 100 वीं सालगिरह पर डूडल बनाकर उनको याद किया है। गूगल इससे पहले भी अपने अंदाज़ में डूडल बनाकर प्रसिद्द हस्तियों को सलामी दे चूका है और आगे भी देता रहेगा। डूडल की शुरुआत साल 2008 में की गयी थी। जोकि आज तक बरकरार है। 
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आखिर क्या है गूगल-डूडल?
गूगल खासतौर पर देशभर में छुट्टियों, सालगिरह और प्रसिद्ध लोगों के जीवन को और ख़ास बनाने के लिए गूगल अपना लोगो बदल कर पेश करता है। गूगल के ये डूडल काफी मजेदार और क्रिएटिव होते हैं। ख़ास बात तो ये है कि अगर आप गूगल डूडल पर क्लिक करेंगे तो आपको डूडल के सब्जेक्ट से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त हो जाएगी।ये भी पढ़ें:- हिंदी दिवस: ये कदम दिलाएंगे आपको अंग्रेजी की दास्तां से छुटकारा 
डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी
भारत के प्रसिद्द नेत्र-सर्जन डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी का जन्म तमिलनाडु के वडामलप्पुरम में 1 अक्टूबर 1918 को हुआ था। डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी का आज 100 वां जन्मदिन है। डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी को उनके साथी और मरीज डॉ वी कहकर भी बुलाते थे। वेंकटस्वामी ने अपना सारा जीवन जरूरतमंदों की आखों को रोशन करने में समर्पित कर दिया था। उन्होंने 13 बेड वाले अरविंद आई हॉस्पिटल की स्थापना की। आज अरविंद आई हॉस्पिटल का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है। डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी द्वारा स्थापित यह अस्पताल देशभर में अंधेपन से जूझ रहे तमाम मरीजों का जीवन बदलने का काम कर रहा है।
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डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी की शिक्षाएं
डॉ वेंकटस्वामी ने अपनी मेडिकल डिग्री चेन्नई (मद्रास) के स्टेनली मेडिकल कॉलेज से हासिल की थी। मेडिकल की डिग्री हासिल करने के बाद डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी भारतीय सेना में शामिल हो गए थे। 30 वर्ष की उम्र में वह रूमेटॉइड आर्थराइटिस का शिकार हो गए थे। इसके बाद सर्जरी करने में असमर्थ वेंकटस्वामी ने नेत्र विज्ञान की शिक्षा हासिल की थी।
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एक दिन में करते थे 100 से भी अधिक सर्जरी
अपनी खराब सेहत के बावजूद डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी ने मोतियाबिंद के इलाज के लिए सर्जरी करना सीखा। आपको यह जानकर हैरानी होगी की, डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी एक दिन में 100 से भी ज्यादा सर्जरी करते थे। उन्होंने ग्रामीण लोगों के इलाज के लिए शिविर स्थापित किए। इसके अलावा अंधेपन से ग्रसित लोगों के लिए रिहैब सेंटर स्थापित किए। अपने जीवनकाल में डॉ गोविडप्पा वेंकटस्वामी ने 1 लाख से ज्यादा आंखो का सफल सर्जरी किया था।
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