कबाड़ से बनी कार गिनीज बुक में जाने को तैयार

sudhakar-yadav-car-02_650x488_41444283650-300x2141922 की फोर्ड कार का ऐसा रूप भी होगा ये कभी सोचा नहीं जा सकता। भारत के सुधाकर यादव ऐसी ही हैरतअंगेज कारें बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। सुधाकर हैमबर्गर, टेनिस बॉल, जूते या टॉयलेट सीट जैसी कार बनाकर सबको चकित कर चुके हैं।

उनकी नई कार उन्हें गिनीज बुक के पन्नों में जगह दिला सकती है। सुधाकर यादव ने इस बार 1922 की फोर्ड टूर का मॉडल बनाया है, लेकिन उसका आकार चर्चा का विषय है। 26 फुट (आठ मीटर) ऊंचाई का यह मॉडल हैदराबाद म्यूज़ियम में दर्शकों के लिए रखा गया।

तीन साल में बनी कार

सुधाकर ने कहा कि हम दुनिया की सबसे बड़ी आर्ट कार के रूप में गिनीस बुक में दर्ज होना चाहते हैं। मेरी कार नया रिकॉर्ड है और उम्मीद है कि यह मुझे मिल जाएगा। इस कार को डिज़ाइन और तैयार करने में तीन साल लगे हैं। सुधाकर का कहना है कि यह एफ-1 कार जैसी भी कही जा सकती है। मैंने यह कार खासतौर पर उन बच्चों के लिए बनाई है, जो मेरे म्यूज़ियम में आना पसंद करते हैं।

इंजन छोड़ बाकी सब है इस कार में

50 फुट (15 मीटर) लम्बी और 19 फुट (5.7 मीटर) चौड़ाई वाली इस कार में लकड़ी के दरवाज़े और खिड़कियां लगाए गए हैं, और कार के भीतर सीढ़ियां भी हैं, बस एक ही चीज है जो नहीं दिखती वो है इंजन। इसके अलावा सजावटी छत है, जिस पर सभी काले-सफेद मोहरों के साथ शतरंज का पूरा बोर्ड लटका दिखाई देता है, जिसके चारों ओर गर्म हवा से भरे गुब्बारे झूलते नज़र आते हैं। बिना इंजन की ये कार धमाल मचा रही है। प्रदर्शनी के लिए रखे जाने के बाद से इस कार को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी पड़ रही है।

यादव की साइकिल भी गिनीज में दर्ज

12.67 मीटर ऊंचाई वाली दुनिया की सबसे बड़ी तिपहिया साइकिल (tricycle) बनाकर पहले से गिनीस बुक में दर्ज है। सुधाकर के मुताबिक उनके म्यूज़ियम में रखी सभी कारें कचरे में फेंके गए सामान से बनाई गई हैं।

 

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