संघ से जुड़े है बिहार के (DGP )तो मुसलमानों पर तो वर्दी की आड़ मे जुल्म होना ही है

कोन हैं बिहार पुलिस के नये मुख्या जिनके आते ही पुलिस कानून का नही धार्मिक कट्टरता से प्रेरित हो गई आज हम यही बताएगें
जानकारी के अनूसार बिहार के पुर्व डीजीपी एस द्विवेदी के रिटायर होने के बाद 1 फ़रवरी से नये डीजीपी गुप्तेशवर पांडेय नितींश कुमार के इतने क़रीबी हैं
के संघ लोक सेवा आयोग से आये तीन नामो मे से नितीश कुमार ने पांडेय को चुना मौजूदा डीजीपी का राजनिती से बहुत क़रीबी रिश्ता वो 2009 मे सर्विस छोड़कर चुनाव लड़ने पहुँच गए थे
लेकिन जब किसी पार्टी ने टिकट नही दिया तो मजबूरन उन्हें दोबारा पुलिस डिपार्टमैंट मे वापस आना पड़ा बिहार के सीनियर क्राइम रिपोर्टर कुलदीप भारद्वाज ने
पांडेय को डीजीपी बनाने की वजह के बारें मे लिखा है के डीजीपी नितीश कुमार के क़रीबी होने के साथ संघ से सीधे तोर पर जुड़े हुए हैं और धार्मिक कट्टरता से भी ग्रस्त हैं
मतलब साफ है के नितीश कुमार ने बिहार पुलिस का मुख्या जिस व्यक्ति को बनाया वह नागपुर मुख्यालय स सीधे तोर पर जुड़ा हुआ
हमने जब मीडीया मे पढ़ा के बिहार पुलिस ने दो मुस्लिम यूवकों को पूछ ताछ के नाम पर जिस्म मे लोहे की कीलें ठोकर उन्हें मोत के घाट उतार दिया
तो एक शक दिमाग़ मे पैदा हुआ के आखिर पुलिस एैसा घिनौना अपराध किसी बड़ी ताक़त के बग़ैर कैसे कर सकती है तब हमने छानबीन की तो मामला साफ हो गया
मुसलमानों के प्रति संघ की नफरत से आप हम सब वाक़िफ़ हैं संघ के केंद्र नागपुर मे हर रोज मुसलमानों को मिटाने की शिक्षा दी जाती है

और इस बात से पूरा देश ही नही पूरी दुनिया वाक़िफ़ है एैसे मे अगर किसी प्रदेश का पुलिस मुख्या ही संघ का विद्यार्थी बनजाए तो इस बात मे कोई शक नही
के प्रदेश मे मुसलमानों पर कानून की आड़ मे वर्दी धारी कितना जुल्म करेंगें यहाँ हम ये याद दिलादे के बीते
हफ़्ते बिहार पुलिस ने दो बेगुनाह मुस्लिम युवकों को पूछ ताछ के बहाने उठाया था लेकिन कुछ समय बाद ही गिरफ़्तार युवकों के
परिजनों को बताया के दोनों युवक बीमार हैं और हस्पताल मे है लेकिन परिजनों के हस्पताल पहुँचते ही पता चला के दोनों युवक मर चुके हैं
जब म्रत युवकों को दफ़नाने के लिए नहलाया जा रहा था तब परिजनों को युवकों के जिस्म पर कील ठोकने के निशान दिखे
तब लोगों के धरने पर बैठने के बाद पुलिस एस पी ने कुल पाँच पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था और पाँचो आरोपी फ़रार बताए जा रहे हैं
लेकिन अब बिहार पुलिस मुख्या के रिश्ते नागपुर मुख्यालय से पता चलने पर लगता नही के आरोपी पुलिस कर्मियों पर किसी तरह की कार्यवाही हो सकती है

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