होली स्पेशल: हर रंग होता है खास

 
HOLI SPECIAL: सभी रंग सूर्य की किरणों के प्रभाव से बनते हैं। सूर्य की किरणों में सभी रंगों का सम्मिश्रण है। सूर्य की छत्रछाया में अनेक प्रकार की वनस्पतियां तथा जीवधारी पनपते-बढ़ते हैं। उसी प्रकार हरा, लाल और नीला रंग ये मनुष्य को स्वस्थ, यशस्वी और गौरवशाली बनाने वाले हैं। हिन्दू देवी-देवताओं में प्रयु्क्त रंगों के चुनाव में कुछ रंगों का निश्चित मनौवैज्ञानिक सांकेतिक अर्थ है। विविध रंग हमारे दैनिक जीवन में उपयोगिता के साथ-साथ ही नव-स्फूर्ति, सुंदरता और कल्याण का संदेश देते हैं।
रंगों का स्वास्‍थ्य और मन पर प्रबल प्रभाव पड़ता है। रंगों के आकर्षक वातावरण में मन प्रसन्न रहता है और उदासी दूर होती है। धार्मिक कार्यों में रोली-कुंकुम का लाल रंग, हल्दी का पीला रंग, पत्तियों का हरा, आटे का सफेद रंग प्रयोग में लाया जाता है। यह हमारे लिए स्वास्थ्यदायक, स्फूर्तिदायक और कल्याणकारी होता है।
लाल रंग
लाल रंग मनुष्य के शरीर को स्वस्थ और मन को हर्षित करने वाला है। इससे शरीर का स्वास्थ्य सुधरता और मन प्रसन्न रहता है। यह पौरूष और आत्मगौरव प्रगट करता है। लाल टीका शौर्य एवं विजय का प्रतीक है। प्राय: सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा पर लाल रोली का टीका लगाया जाता है। हिन्दू धर्म में लाल रंग से उन्हीं देवी-देवताओं को सुसज्जित किया गया है, जो परम मंगलकारी, धन, तेज, शौर्य और पराक्रम को प्रगट करते हैं। उन देवताओं को शौर्यसूचक लाल रंग दिया गया है जिन्होंने अपने बाहुबल, अस्त्र-शस्त्र तथा शारीरिक शक्तियों से दुष्ट दैत्यों या आसुरी प्रवृत्तियों को परास्त किया है। हर्ष, खुशी के अवसर पर लाल रंग से ही स्पष्ट किए जाते हैं। विवाह, जन्म, विभिन्न उत्सवों पर आनंद की भावना लाल रंग से प्रगट होती है। नारी की मांग में लाल सिन्दूर जहां उसका सौंदर्य बढ़ाता है वहीं अटल सौभाग्य तथा पति प्रेम भी प्रगट करता है।

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