होली पर डायबिटीज के मरीज़ मिठाइयों से बनाएं दूरी, जानें किन परेशानियों का रहता है जोखिम- 

होली का त्योहार सभी के जीवन में खुशियां और नई ऊर्जा लेकर आता है। इस दिन की तैयारियां महीने भर पहले से ही होने लगती है। लोग अपने घरों में रिश्तेदारों और सगे संबंधियों के लिए पापड़ और गुजिया बनाते हैं। इसके साथ ही इस दिन ढेरों मिठाइयां बनाई जाती है। कुछ लोग इस दिन ठंडाई और गुजिया के साथ रंग खेलते हैं। लेकिन होली पर खान पान का विशेष ध्यान देना होता है। घर रिश्तेदार या पड़ोसी के घर में गुजिया या मिठाई खाना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। खासकर डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा मिठाई खाने से कई परेशानियां हो सकती है। इस वजह से आपको होली में मिठाई कम खानी चाहिए। इस लेख में डायबिटीज मरीजों को ज्यादा मिठाई खाने से होने वाली समस्याओं के बारे में बताते हुए सचेत किया गया है। साथ ही उनको होली के रंग में सेहत को ध्यान में रखते हुए मिठाइयों से दूरी बनानी होगी। ऐसे में यदि आप सेहत की अनदेखी करेंगे तो होली का मजा किरकिरा हो सकता है। 

होली में डायबिटीज के मरीजों को मिठाई खाने से होने वाली परेशानियां  

मधुमेह यानी डायबिटीज एक ऐसा रोग है जिसमें बेहद सावधानी की आवश्यकता होती है। ज्यादा मीठा खाने से शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है और खून में शुगर का लेवल बढ़ने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।  

हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा   

ज्यादा मीठा खाने के कारण रक्त में शुगर का स्तर असंतुलित हो सकता है। जिसकी वजह से रक्त वाहिकाओं को नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही इसकी वजह से हार्ट में जाने वाला रक्त बाधित होता है और हार्ट का कार्य प्रभावित होता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को हार्ट अटैक व हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।   

आंखों से जुड़ी समस्या होना (रेटिनोपैथी)  

होली में ज्यादा मिठाई खाने के कारण यदि बढ़े शुगर लेवल को जल्द कंट्रोल नहीं किया जाता तो इससे आंखों की नसों पर दबाव पड़ता है। इस समस्या को डायबिटीक रेटिनोपैथी के नाम से जाना जाता है। इसमें व्यक्ति को दिखाई देना बंद हो जाता है या धूंधला दिखाई देने लगता है। 

किडनी पर प्रेशर पड़ना (नेफ्रोपैथी) 

डायबिटीज के मरीजों में शुगर लेवल तेजी से बढ़ने की वजह से किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। व्यक्ति की किडनी लाखों छोटे फिल्टर की मदद से कार्य करती है, जिसे नेफ्रॉन कहा जाता है। शुगर लेवल के बढ़ने से नेफ्रॉन में रक्त वाहिकाओं को कार्य करने में दबाव उत्पन्न होता है। जिस वजह से किडनी सही तरह से कार्य नहीं कर पाती है। ऐसे में किडनी का जोखिम बढ़ जाता है।  

हाथ-पैर सुन्न होना (पेरिफेरल न्यूरोपैथी)  

इस स्थिति में मरीज को रीढ़ की हड्डी से गुजरनी वाली नसों के नुकसान होने का खतरा रहता है। जब डायबिटीज के मरीज का शुगर लेवल बढ़ता है तो इससे हाथ पैर सुन्न होने की समस्या होती है। मरीज को मांसपेशियों में कमजोरी जैसे भी लक्षण महसूस होते हैं।  

सुनने की क्षमता में कमी होना  

यदि डायबिटीज के मरीज का शुगर लेवल ज्यादा समय तक हाई रहे तो इससे उसको सुनने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कान के पास की नसों के नुकसान होने की वजह सेक मरीज को ये लक्षण महसूस हो सकते हैं। डायबिटीज में सुनने की क्षमता पर असर पड़ना शुगर लेवल से जुड़ा होता है।   

इसलिए होली के त्योहार के रंग को फीका न होने दें और परिवार के साथ होली के त्योहार पर उत्साह बनाए रखने के लिए मिठाइयों से दूरी बनाकर रखें। यदि डायबिटीज के मरीज को किसी तरह की परेशानी महसूस हो तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।  

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