ताजमहल से कमाई करने पर तो संस्कृति मंत्रालय का जोर है, लेकिन दुनिया के सातवें अजूबे को सहेजने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वर्ल्ड हेरिटेज (विश्वदाय स्मारक) में शुमार ताजमहल के संरक्षण का आलम ये है कि इसके गुंबद और मीनारों पर संगमरमर के जोड़ में से पीपल के पौधे उग आए हैं, जो मीनारों गुंबद के लिए खतरा बन सकते हैं।
हर साल टिकट दर बढ़ाने और स्टेप टिकटिंग पर जोर दे रहे संस्कृति मंत्रालय ने केवल 2.5 करोड़ रुपये ताज के संरक्षण के लिए स्वीकृत किए हैं। यही वजह है कि संरक्षण और देखरेख न होने से गुंबद और मीनारों में पौधे उग रहे हैं।
ताजमहल की मीनारों में संगमरमर के जोड़ों पर यह पौधे उगे हैं। पक्षियों की बीट के कारण उगे पौधों को हटाया नहीं गया है, जो बाद में इन्हीं मीनारों और गुंबद के पत्थर चटकने का कारण बन सकता है।
राष्ट्रीय स्मारक सुरक्षा समिति ने ताजमहल पर शू कवर, पानी की बोतल वाली वेलकम किट का ठेका ई-टेंडर से करने की मांग की है। समिति ने उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को पानी की बोतल देने का ठेका देने का विरोध किया है। ताज में विदेशी पर्यटकों को टिकट काउंटर पर यह वेलकम किट उपलब्ध कराई जाती है।