हेमंत करकरे पर विवादित टिप्पणी वापस लेने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा- हमेशा सोच समझकर बोलती हूं…

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से भोपाल से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद साध्वी प्रज्ञा लगातार सुर्खियों में हैं. हेमंत करकरे पर की गई अपनी विवादित टिप्पणी वापस लेने के एक दिन बाद शनिवार को साध्वी ने कहा कि वह हमेशा सोच समझकर ही बोलती हैं. वह कभी भी अर्नगल बयान नहीं देती.

साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि साध्वी का अंत नहीं होगा. देश विरोधी लोग अपने अंत की चिंता करें. जो सत्य है वही उजागर होता है. 1984 में जो दंगे हुए वो दंगे नहीं बल्कि हत्याकांड था. दंगे में शामिल आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने बैठे हैं, वो किस आधार पर कहते हैं कि सांध्वी का अंत क्या होगा. आप साध्वी के अंत की बात न करें. साध्वी के आदि और अंत के बारे में आपको कुछ नहीं पता. आप जहां हैं वहीं बने रहें. आप साध्वी के अंत की प्रतिक्षा न करें.

विरोधी अपने अंत की चिंता करें

उन्होंने आगे कहा कि देश विरोधी, धर्म विरोधी, हिंदू धर्म के विरोधी, सेना विरोधी, अखंडता के विरोधी अपने अंत की चिंता करें. चुनाव जेल से लड़ने वाले बयान पर साध्वी ने कहा कि जेल जाने को लेकर लगता कुछ नहीं है. लेकिन षड्यंत्रकारी किसी भी हद तक चले जाते हैं. चुनाव में परिणाम कुछ भी आए जो मैंने झेला है, जांच एजेंसी की ओर से 9 साल तक जिस तरह से प्रताड़ित किया गया, लेकिन परिणाम जो आया वो आपके सामने है. जांच एजेंसी ने मेरे जीवन के 9 ऊर्जावान साल खत्म कर दिए. जो सत्य है वो सत्य ही रहेगा. इसे बदला नहीं जा सकेगा. सच जरूर सामने आता है.

अपने विवादित बयान के बाद अब सोच समझकर बयान दिए जाने के सवाल पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि जो सच होता है वहीं बोलती हूं. जो भी बयान दिया सोच समझकर दिया. मैं कभी भी अर्नगल बयान नहीं देती.

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राज्य की राजनीति में बीजेपी में उमा भारती के विकल्प के रूप में देखे जाने के बारे में साध्वी ने कहा, ‘वो मेरी दीदी हैं, वह मेरी अंगुली पकड़ कर मुझे चलाती हैं. टिकट मिलने पर उन्होंने (उमा भारती) कहा कि आज का दिन अहम है. इस दिन को हमेशा याद रखूंगी. आप पीड़ित हो. आज आपका नाम घोषित किया गया है, यह बहुत बड़ी खुशी है. मैं इस दिन को हमेशा याद रखूंगी.’

इससे पहले साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को मुंबई हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर दिए अपनी विवादित टिप्पणी वापस ले ली है. साध्वी ने शुक्रवार शाम को कहा कि उनके बयान से दुश्मन मजबूत हो रहे हैं, इसलिए वह अपनी टिप्पणी वापस ले रही हैं. कुछ दिन पहले प्रज्ञा ठाकुर ने दावा किया था कि मुंबई के आतंकवाद निरोधक दस्ते के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे ने उन्हें मालेगांव विस्फोट मामले में गलत तरह से फंसाया था और वह अपने कर्मों की वजह से मारे गए. हेमंत करकरे मुंबई आतंकी हमलों के दौरान शहीद हुए थे.

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