हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-9 पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-9 पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। यह नोटिस दो विधि छात्रों की याचिका पर दिया गया है, जिसमें वैवाहिक संबंध को दोबारा बहाल करने के लिए बाध्य करने वाले इस प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-9 पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से मांगा जवाब

पांच मार्च को दो सदस्यीय पीठ ने इस मसले को विचार के लिए तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष भेज दिया था। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने इस मसले पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए कानून मंत्रालय को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।

वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के माध्यम से दायर इस याचिका में हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा-9, विशेष विवाह अधिनियम की धारा-22 और सीपीसी के दो प्रावधानों को निरस्त करने की गुहार की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ये प्रावधान मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। बता दें कि धारा-9 को वर्ष 1984 में दिल्ली हाईकोर्ट ने वैध ठहराया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी वर्ष 1984 में ही एक मामले में इस प्रावधान को वैध करार दिया था। 

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