अब छात्र हिंदी में दे सकेंगे इंजीनियरिंग की परीक्षा, ऐसा होगा पहली बार…

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) नए शिक्षण सत्र से पहली बार इंग्लिश के साथ हिंदी में भी प्रश्नपत्र तैयार करेगा। दिसंबर मे होने वाली पहले सेमेस्टर की परीक्षा में इंजीनियरिंग, फार्मेसी सहित अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों के प्रश्नपत्र हिंदी में भी उपलब्ध होंगे। हिंदी में दे सकेंगे इंजीनियरिंग की परीक्षा

आरजीपीवी से संबद्ध कॉलेजों में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र होते हैं जिन्होंने स्कूली पढ़ाई हिंदी माध्यम से की है। इस कारण इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के बाद जब उन्हें इंग्लिश में प्रश्नपत्र मिलता था तो बहुत से छात्र से छात्र इसे समझ नहीं पाते थे। इस कारण वे सेमेस्टर परीक्षा में फेल हो जाते थे। इस कारण आरजीपीवी नए शिक्षण सत्र से इस व्यवस्था को लागू करने जा रहा है।

फार्म भरेंगे तो मीडियम भरना होगा

आरजीपीवी के अधिकारियों के मुताबिक नए शिक्षण सत्र में जब छात्र प्रवेश लेंगे और जब उनका नामांकन होगा तब उन्हें हिंदी या इंग्लिश माध्यम का विकल्प भरना होगा। उनसे पूछा जाएगा कि वे किस माध्यम में परीक्षा देंगे। इसके आधार पर वे अपने चुने हुए माध्यम से परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

खास बात यह है कि प्रश्न पत्र हिंदी और इंग्लिश दोनों में रहेगा। छात्र भरे हुए माध्यम से इसे हल कर सकते हैं। इस संबंध में हाल में विवि में बैठक का आयोजन भी हुआ था। इसमें तकनीकी शिक्षा में हिंदी का उपयोग और किन क्षेत्रों में किया जा सकता है इस पर भी विमर्श हुआ।

हिंदी में हो सकते हैं पाठ्यक्रम

जानकारी के मुताबिक तकनीकी पाठ्यक्रमों को हिंदी में तैयार करने पर भी चर्चा हुई। इसके तहत छात्रों को अध्ययन सामग्री और कक्षाओं में हिंदी में भी विषय की अवधारणा को समझाने पर विमर्श हुआ।

सुधरेगा परीक्षा परिणाम

विवि के अधिकारियों की दलील है कि हिंदी और इंग्लिश में प्रश्नपत्र होने से परीक्षा परिणाम में सुधार आएगा। यह एक साथ सभी सेमेस्टर में शुरू नहीं किया जाएगा बल्कि पहले सेमेस्टर से श्ाुरू होगा। इसके बाद इसे अन्य सेमेस्टर में लागू किया जाएगा।

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अधिकारियों के मुताबिक छात्र प्रश्नपत्र को आसानी से समझ सकेंगे और उन्हें इसे हल करने में भी सुविधा होगी। इससे उन्हें प्लेसमेंट भी लाभ होगा।

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