हाथरस गैंगरेप केस में कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला, पढ़े पूरी ख़बर

बूलगढ़ी गैंगरेप कांड में हाथरस की स्पेशल एससी-एसटी कोर्ट त्रिलोक पाल सिंह की अदालत से आज यानी 2 मार्च को फैसला सुना दिया गया है। हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में सितंबर 2020 में हुए बहुचर्चित बूलगढ़ी प्रकरण के 4 में से 3 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। मुख्य आरोपी संदीप को कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या व एससी एसटी एक्ट में दोषी करार दिया है। संदीप सिंह को लंच के बाद सजा सुनाई जाएगी। 

हाथरस की स्पेशल एससी-एसटी कोर्ट त्रिलोक पाल सिंह की अदालत से 2 मार्च को यह फैसला आया है। फैसले के बाद बरी हुए आरोपी रवि, रामू और लवकुश के परिजनों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। वहीं, अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता इस फैसले से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने हाई कोर्ट जाने की बात कही है।
हाथरस के चंदपा थाने के गांव की 19 साल की युवती के साथ गांव के चार लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार करने का युवती के परिजनों ने आरोप लगाया था। बेटी हाथरस सहित अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कालेज में काफी समय तक भर्ती रही थी। 29 सितंबर को उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। उस वक्त देशभर में यह घटना सुर्खियों में रही थी। तमाम राष्ट्रीय स्तर के नेता गांव में पहुंचे थे। गांव में पुलिस के साथ ही आरएएफ और पीएसी को तैनात करना पड़ा था।

2 मार्च की सुबह अदालत के फैसले सम्बंधी तारीख को लेकर प्रकरण के चारों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह 11 बजे न्यायालय लाया गया। इसी दौरान वादी पक्ष की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा कोर्ट पहुंची। इधर, पुलिस ने सुरक्षा व कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए  बूलगढ़ी गांव में मीडिया, गांव के बाहरी लोगों, राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी आदि के प्रवेश पर रोक लगा दी है। गांव में भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इधर, हाथरस कोर्ट को भी छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस- प्रशासन के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था में लगे हुए हैं।

यह थी घटना

 हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को सुबह करीब 9 बजे चारा काटने गई एक 19 वर्षीय युवती के साथ बाजरे के खेत में गैंग रेप का मामला सामने आया। पीड़िता बेहोशी की हालत में खेत में पड़ी हुई मिली। गंभीर अवस्था में युवती को बागला जिला संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। जहां से उसे जेएन मेडिकल अलीगढ़ रेफर किया गया। युवती ने अपने बयानों गांव के चार युवक संदीप, रामू, लवकुश और रवि का नाम बताते हुये गैंगरेप का आरोप लगाया। उसके बाद हर दिन पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की और उन्हें जेल भेज दिया। 29 सितम्बर को दिल्ली के सफदरगंज में युवती जिंदगी की जंग हार गई। उसी दिन आधी रात पुलिस प्रशासन ने उसका गांव लाकर अंतिम संस्कार करा दिया। इस मामले में एसपी और सीओ सहित पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए। सीबीआई ने गैंगरेप व हत्या में 29 दिसंबर 2020 को चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में सीबीआई ने पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में एससीएसटी एक्ट कोर्ट में दो हजार पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था।

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