हाई-अलर्ट पर पेरिस: ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शन के चलते फुटबॉल मैच और म्यूजिक शो भी हुए कैंसिल

लगातार उग्र प्रदर्शनों के चलते राजनीतिक संकट की ओर देश बढ़ता प्रतीत हो रहा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा. आपात काल में पहनी जाने वाली पीली जैकेट पहने कई प्रदर्शनकारी शनिवार को चैम्प्स-एलीसी में सुबह-सुबह एकत्र हो गए. इसी स्थान पर पिछले शनिवार को जबरदस्त हिंसा हुई थी. शनिवार को भारी तादाद में जमा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने टियर गैस और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शन के मद्देनजर पेरिस को शनिवार से ही हाई अलर्ट पर रखा गया है.

‘येलो वेस्ट’ आंदोलनपेरिस से शुरू हुआ ये आंदोलन फ्रांस के विभिन्न शहरों में फ़ैल गया है. ‘येलो वेस्ट’ आंदोलन के दौरान पुलिस और युवाओं के बीच हिंसक झड़प में कुल 135 लोगों के घायल होने की खबर है. ये युवा देश में बढ़ती महंगाई के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. गृह मंत्री क्रिस्टोफ कास्टानेर ने बताया कि 1,385 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. सोशल मीडिया पर ‘यलो वेस्ट’ नामक आंदोलन ने हर उम्र व पृष्ठभूमि के लोगों को आकर्षित किया है. प्रदर्शनकारियों द्वारा आपातकाल में पहनी जाने वाली पीली जैकेट पहनने के कारण इस आंदोलन का नाम ‘यलो वेस्ट’ पड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक इस विरोध प्रदर्शन का कोई नेतृत्व नहीं कर रहा है. यह प्रदर्शन बढ़ती महंगाई के खिलाफ हो रहा है जिसका कारण राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की आर्थिक और वित्तीय नीतियों को जिम्मेदार बताया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मैक्रों की आर्थिक नीतियां अमीरों के हित में हैं. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कई लोगों ने मैक्रों के इस्तीफे की मांग की है.

अमीरों के राष्ट्रपति हैं मैक्रों

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राजधानी में विभिन्न स्थानों से हजारों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. पेरिस में बड़ी संख्या में लोग आपात स्थिति में पहने जाने वाले पीले रंग के कोट पहन कर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने राष्‍ट्रपति मैंक्रो को अमीरों का राष्‍ट्रपति करार दिया है. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि राष्ट्रपति अपने पद से इस्‍तीफा दें. उनका आरोप है जब से मैंक्रो ने सत्‍ता संभाली है तब से वो वेल्‍थ टैक्‍स में कटौती करते जा रहे हैं. हालांकि पिछले सप्ताह राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों की कुछ मांगों को मानने का फैसला किया था जिनमें फ्यूल टैक्‍स और गैस की कीमतों में वृद्धि के आदेश को वापस लेना शामिल है. लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांगे लगातार बढ़ती जा रही है. फ्रांस में गत 17 नवंबर से विरोध प्रदर्शन जारी है. उग्र और हिंसक प्रदर्शनकारी पेरिस में  आगजनी और लूट की वारदातों को भी अंजाम दे रहे हैं.

संकट में सरकार

बार-बार फ्रांस में चल रहे प्रदर्शनों पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का कहना है कि इस हिंसा व प्रदर्शन में शामिल लोग बदलाव नहीं चाहते हैं, वे लोग सुधार नहीं चाहते, उन्हें सिर्फ अराजकता चाहिए. वो लोग सिर्फ धोखा दे रहे हैं. विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर शहर में दुकानें, म्यूजियम, मेट्रो स्टेशन और एफिल टावर बंद हैं. वहीं, शीर्ष टीमों के फुटबॉल मैच और म्यूजिक शो रद्द कर दिए गए. फ्रांस की राजधानी में पिछले सप्ताहांत दशकों में सबसे भीषण हिंसा हुई थी, जिससे पूरा देश सहम गया था. बिगड़ते हालात के चलते राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की सरकार संकट का सामना कर रही है. शहर में 8 हजार से ज्यादा अतिरिक्त पुलिसकर्मियों और बख्तरबंद गाड़ियों को तैनात किया गया. 

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