हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, आठ घंटे के अंदर मातृ सदन को सौंपा जाए स्व. स्वामी सानंद का शव

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गंगा रक्षा के लिए बलिदान दे चुके स्वामी सानंद का पार्थिव शरीर आठ घंटे में मातृ सदन भेजने के निर्देश दिए हैं।हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, आठ घंटे के अंदर मातृ सदन को सौंपा जाए स्व. स्वामी सानंद का शव

हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और जस्टिस मनोज तिवारी की बेंच ने स्व. स्वामी सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) का शरीर 8 घंटे के भीतर एम्स ऋषिकेश से हरिद्वार स्थित मातृसदन में अंतिम दर्शन के लिए रखे जाने के निर्देश दिए।

कोर्ट ने कहा कि 72 घंटे तक उनका पार्थिव शरीर मातृसदन में रखे जाने के बाद उनके द्वारा व्यक्त की गई इच्छा के अनुरूप अग्रिम कार्रवाई की जाए। हरिद्वार निवासी व जीडी अग्रवाल के अनुयायी डॉ. विजय वर्मा ने याचिका दायर कर कहा था कि अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिए जा रहे हैं। याचिका में हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की अनुमति भी मांगी थी। 

स्वामी सांनद की मौत को जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने संदिग्ध करार दिया

बता दें कि गंगा की धारा को अविरल बहाने के लिए कानून बनाने की मांग करने वाले प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सांनद की मौत को जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने संदिग्ध करार दिया है। सिंह ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा स्वामी सांनद की हत्या हुई है।

111 दिन से गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए आमरण अनशन कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का निधन विगत 11 अक्टूबर को हो गया।

एम्स प्रशासन के मुताबिक उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट के चलते दोपहर करीब दो बजे के आस-पास हुई थी। एम्स प्रशासन के मुताबिक स्वामी सानंद पहले ही अपना शरीर एम्स, ऋषिकेश को दान किए जाने का संकल्प पत्र भर चुके थे, लिहाजा उनका शव एम्स में ही रखा गया है।

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