हर पति-पत्नी को पता होनी चाहिए ये बात, जिस दिन व्रत हो उस रात शारीरिक संबंध..?

हिन्दू धर्म में अगर व्रत की बात करें तो यह बहुत ही पवित्र माना जाता है. इसे करते समय काफी चीजों का बहुत ही ध्यान रखा जाता है। लेकिन मानव की विक्रती की अगर बात करें तो यह पल भर में बदलती रहती है, वहीं अगर दम्पती की बात करें तो उनके लिए एक ही सवाल मंडराता रहता है, कि क्या उपवास के समय शारीरिक सम्बध बनाना गलत होता है या फिर सही? यह सवाल आज के समय के लिए बड़ी बहस का केन्द्र बना हुआ है। हर शख्स के मन में यही सवाल है की व्रत के दौरान संभोग प्रक्रिया उचित है या फिर अनुचित?हर पति-पत्नी को पता होनी चाहिए ये बात, जिस दिन व्रत हो उस रात शारीरिक संबंध..?

आज हम आपको धर्म से जुड़ी कुछ ऐसी बातो से रुबरु करायेंगे जिसके बाद व्रत में संभोग से जुड़ी कुछ बातों से पर्दा तो जरुर उठेगा। लेकिन मेरा इस मुद्दे में मानना है कि हर धर्म के लोगो को अपने-अपने धर्म मे लिखी बातों का पालन करना चाहिए। हिंदू धर्म में माना जाता है कि व्रत के दौरान संभोग नहीं करना चाहिए। सेक्स से जुड़े कोई ख्याल भी नहीं आने चाहिए। जबकि हिंदू धर्म में ऐसा कोई कड़ा नियम नहीं है। हिंदू धर्म में वैज्ञानिक तौर पर इस बात की पुष्टि की गई है। दरअसल व्रत के दौरान शरीर में बिल्कुल भी ताकत नहीं रहती। जबकि संभोग करने के लिए काफी ताकत की जरूरत होती है। इस कारण से हिंदू धर्म में व्रत के दौरान संभोग करने की मनाही है।

मुस्लिम धर्म में संभोग को पवित्रता से जोड़कर देखा जाता है इसलिए रोजा रखने के दौरान संभोग की केवल रात में अनुमति है दिन के दौरान जब रोजा रखा जाता है तो शारीरिक संबंध बनाने की मनाही है बौद्ध धर्म में व्रत के दौरान संभोग करने पर पाबंदी है लेकिन इसमें पवित्रता और थकावट के कारण मनाही नहीं है। इसमें मोह से छुटकारा पाने के लिए सेक्स करने पर पाबंदी लगाई गई है। वैसे भी बौद्ध धर्म का उद्देश्य ही है मोह को त्यागो।

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