हेयर को स्ट्रेट कराने का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट जो है वो है बालों का ड्राई होना। बालों को आप चाहे कैसे भी स्ट्रेट कराए चाहे स्ट्रेटनर से या फिर केमिकल ट्रीटमेंट से, दोनों ही तरीको से बालों का नैचुरल ऑयल खत्म होने लगता है और बाल बहुत ड्राई हो जाते हैं। इतना ही नहीं बाल बहुत नाजुक और रफ हो जाते हैं।
जब बाल ड्राई हो जाते हैं तो उनका टूटना और झड़ना लाजमी है। बालों को चाहे प्रेसिंग मशीन या फिर केेमिकल ट्रीटमेंट से स्ट्रेट करवाए, दोनों में ही बालों की जड़ कमजोर हो जाती है और यह आसानी से टूटने लगते हैं। इसके अलावा बालों में स्प्लिट एंड्स की समस्या भी बढ़ जाती है।
स्ट्रेटनिंग के कारण हेयर फॉलिकल यानी को काफी नुकसान पहुंचता है जिस वजह से स्कैलप पर नैचुरल ऑइल तक नहीं बचता। जिसके चलते स्कैल्प ड्राई हो जाता है और उसमें खुजली होने लगती है। इतना ही नहीं समस्या बढ़ भी सकती है जिससे स्किन पर परत जमने लगती है और डैंड्रफ होने का खतरा रहता है।
हेयर स्ट्रेटनिंग करते वक्त इन बातों का रखें खास ख्याल
-हमेशा ध्यान रखएं हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करने से पहले बालों में हीट प्रोटेक्टेंट जरूर लगाएं। ये आपके बालों को डैमेज होने से बचाएगा।
-बालों को हर दिन स्ट्रेट न करें। इसके बजाय हफ्ते में दो बार स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करें जिससे बाल कम डैमेज हो।
-भूलकर भी गीले बालों में स्ट्रेटनर का इस्तेमाल न करें।
-जब भी बालों को स्ट्रेट करें तो टेंपरेचर को लो या मीडियम सेटिंग पर रखें।