सेवानिवृत्त अधिकारियों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, सरगना समेत छह गिरफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बीमा में बोनस देने, जीवन भर स्वास्थ्य बीमा दिलाने तथा कम्पनियों में निवेश पर कम समय में धन दोगुना होने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। STF ने गिरोह के सरगना सहित छह आरोपियों को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के अनुसार बीमा कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोहों के बारे में खुफिया सूचनाओं के जरिए पता लगा कि प्रदेश के चिकित्सा विभाग के अपर महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी डॉक्टर सीबी चौरसिया से 40 लाख रुपए और विकास नगर के रहने वाले सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक रंजीत सिंह से 414474 रुपए की ठगी की गई है। यह ठगी बीमा में बोनस देने, जीवन भर स्वास्थ्य बीमा दिलाने तथा कंपनियों में निवेश करने पर कम समय में धन दोगुना करने का लालच देकर की गई। मिले धन को आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाकर उनके बैंक खातों में जमा कराया था।

इन मामलों में चौरसिया तथा सिंह ने संबंधित थाना क्षेत्रों में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए थे। इस सिलसिले में बुधवार को राजधानी के इंदिरा नगर स्थित मीना बाजार से अभिनव सक्सेना, वेद प्रकाश द्विवेदी, मोहम्मद अरमान, नेहा सक्सेना, प्रिया सक्सेना और मीनाक्षी भारती को गिरफ्तार किया गया। अभिनव सक्सेना ने पूछताछ में बताया कि उसका एक संगठित गिरोह है जिसका सदस्य वेद प्रकाश फर्जी नाम-पते पर कम्पनी रजिस्टर्ड कराता है एवं कम्पनियों के नाम पर विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाता है। वेद कम्पनियों के नाम पर खोले गये बैंक खातों के एटीएम और चेक बुक हस्ताक्षरित कराकर उसे उपलब्ध करा देता है।

अभिनव ने पूछताछ में बताया कि उसकी बहन नेहा पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस में काम करती है और वह उसे बीमा से संबंधित उपभोक्ता का डेटा उपलब्ध कराती है। इस डेटा पर उसकी पत्नी प्रिया, मीनाक्षी के साथ मिलकर दिल्ली, मुम्बई आफिस की इंश्योरेंस कर्मचारी बनकर राशी, श्रद्वा, अशी मलिक, मोनिका आदि नाम से नाम बदल-बदल कर फोन करती है। उसने बताया कि उसका गिरोह ज्यादातर सेवानिवृत्त अधिकारियों को निशाना बनाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक यह गिरोह पिछले पांच वर्षो के दौरान सैकड़ों लोगों से करोड़ों रूपये की ठगी कर चुका है। इस सिलसिले में गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

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