सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कीजिये ये ख़ास काम, मिलेगा लाभ…

हिंदू धर्म में सूर्य देव को सफलता का कारक कहा गया है। वहीं नव ग्रहों में भी इस ग्रह की महत्ता अधिक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने से, उन्हें अर्घ्य देने से व्यक्ति को अपने कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस दिन सूर्य देव से संबंधित वस्तुओं का दान आदि करने से, विभिन्न मंत्रों का जाप करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। तो अगर आपके जीवन में अनेक समस्याएं दस्तक दे रही हैं, तो निम्न दिए नियमों को अपनाने से सूर्य देव की कृपा पाई जा सकती है और साथ ही कुंडली में इससे संबंधित चल रहे सारे दोषों से छुटकारा पाया जा सकता है।सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कीजिये ये ख़ास काम, मिलेगा लाभ...

सूर्य देव को प्रसन्‍न करने के लिए-

स्‍नान
अगर गोचर के दौरान किसी को सूर्य के अशुभ फल मिल रहे हैं तो स्‍नान के पानी में खसखस या लाल रंग के फूल और केसर डालकर नहाएं। ये सभी चीज़ें सूर्य देव से संबंधित हैं। इनसे आप सूर्य के अशुभ प्रभाव से बच सकते हैं और साथ ही अनके रोगों से भी मुक्ति मिलती है।

सूर्य की वस्‍तुओं का दान
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक किसी भी ग्रह की शांति के लिए उससे संबंधित वस्‍तुओं का दान किया जाता है। तो यदि अगर किसी की कुडंली में सूर्य दोष चल रहा हो तो उसे खत्‍म करने के लिए तांबा, गुड़, गेहूं, मसूर की दाल दान करनी चाहिए। रविवार और सूर्य संक्रांति के दिन इनका दान करने से विशेष फल मिलता है। सूर्य ग्रहण के दिन भी सूर्य से संबंधित वस्‍तुओं का दान करने से लाभ मिलता है।

सूर्य मंत्रों का जाप
सूर्य देव के मंत्रों का जाप करके भी इसके प्रकोप से बचा सकता है। प्रतिदिन सूर्य देव के मंत्र – ॐ घूणि: सूर्य आदित्‍य: का जाप करें। सूर्य देव को समर्पित रविवार के दिन इस मंत्र का जाप करने से सब दुख दूर हो जाते हैं। आप 10, 20 या 108 की संख्‍या में मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

सूर्य यंत्र की स्‍थापना
बाज़ार से तांबे का सूर्य यंत्र लाकर अपने घर के पूजन स्‍थल में स्‍थापित करें। रोज़ सूर्य यंत्र की पूजा करें और इसे धूप-दीप और नैवेद्य दें और अपने कष्टों के निवारण के लिए सूर्य देव से प्रार्थना करें।

सूर्य देव का हवन
सूर्य की शांति के लिए हवन भी करवा सकते हैं। अगर सूर्य के गोचर के दौरान आपको अशुभ फल प्राप्‍त हो रहे हों तो सूर्य देव का हवन जरूर करवाएं। इससे कुंडली में अशुभ प्रभाव दे रहे सूर्य को बल मिलता है और वह प्रसन्‍न होकर आपके सब दुख दूर करते हैं।

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