सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन को दिया तगड़ा झटका, तिहाड़ जेल भेजने का फरमान

पत्रकार राजदेव रंजन मर्डर केस में मोहम्मद शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि उन्हें एक हफ्ते के भीतर बिहार के सीवान जिले से दिल्ली के तिहाड़ जेल लाया जाए। कोर्ट का यह फैसला पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर आया। उन्होंने शहाबुद्दीन को बिहार से तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संविधान का राइट टू फेयर ट्रायल सिर्फ आरोपी के लिए नहीं बल्कि पीड़ित के लिए भी है। पीड़ित के स्वतंत्रता से जीवन जीने के अधिकार को ध्यान में रखते हुए मोहम्मद शहाबुद्दीन और उनके खिलाफ मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने लेकर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाया है। ट्रांसफर को दौरान उन्हें कोई विशेष ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने सरकार से कहा कि वह शहाबुद्दीन को एक सप्ताह में तिहाड़ जेल स्थानांतरित करे। पीठ ने कहा, ‘‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करना इस न्यायालय का दायित्व एवं कर्तव्य है।’’ न्यायालय ने कहा कि शहाबुद्दीन के खिलाफ दर्ज मामलों में सुनवाई तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी।

पीठ ने कहा, ‘‘हम बिहार को आदेश देते हैं कि मोहम्मद शहाबुद्दीन को सीवान स्थित जिला कारागार से दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल स्थानांतरित किया जाए।’’ सीवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद और आशा रंजन ने राजद नेता को सीवान जेल से स्थानांतरित किए जाने की याचिकाएं दायर की थीं। प्रसाद के तीन बेटे दो अलग अलग घटनाओं में मारे गए थे और आशा के पति राजदेव रंजन की सीवान में हत्या हो गई थी।

याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि शहाबुद्दीन के खिलाफ लंबित मामलों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के लिए उन्हें सीवान जेल से राज्य के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। इससे पहले बिहार सरकार ने न्यायालय को बताया था कि वह शहाबुद्दीन को सीवान जेल से यहां तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने के ‘‘खिलाफ’’ नहीं है। राज्य सरकार ने यह भी कहा था कि शहाबुद्दीन झारखंड में एक मामले समेत 45 मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे हैं।

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