सुखबीर ने जांच आयोग को भेजे जवाब में पुलिस के सिर फोड़ा धार्मिक बेअदबी की घटनाओं का ठीकरा

चंडीगढ़। अकाली दल के प्रधान और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने उनके कार्यकाल में हुई धार्मिक बेअदबी की घटनाओं का ठीकरा पुलिस के सिर फोड़ा है। सूत्रों के अनुसार सुखबीर बादल ने लिखित रूप में अपना जवाब जस्टिस रणजीत सिंह जांच आयोग को भेज दिया है।

आयोग ने अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल और भाजपा के प्रधान विजय सांपला को 16 मार्च को आयोग के समक्ष पेश होने या लिखित रूप में अपना जवाब भेजने के लिए नोटिस जारी किया था। आयोग के सूत्रों के मुताबिक सुखबीर बादल ने अपने जवाब में लिखा है कि आयोग अच्छी तरह जानता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। जब राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाएं हो रही थीं, तो वही डीजीपी तैनात थे, जो अब कांग्रेस कार्यकाल में हैं।

अकाली दल ने पहले ही इस आयोग को रद कर दिया है और अकाली दल चाहता है कि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों की निष्पक्ष जांच मौजूदा जज से करवाई जानी चाहिए। सुखबीर व सांपला के नेतृत्व में एक वफद ने राज्यपाल पंजाब को मांग पत्र देते हुए कहा था कि बेअदबी की घटनाओं में अंतरराष्ट्रीय ताकतों का हाथ होने का शक है। आयोग ने दोनों से सुबूत मांगे थे। गौरतलब है कि अमरिंदर सिंह ने वीरवार को सदन में कहा था कि आने वाले दिनों में आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी।

बहिबलकलां में हुई थी दो युवकों की मौत

गौरतलब है कि 12 अक्टूबर, 2015 को फरीदकोट जिले के कोटकपूरा में बरगाड़ी गांव में गुरुग्रंथ साहिब के अंग फाड़ कर गलियों में फेंक दिए गए। इसके विरोध में सिखों ने प्रदर्शन भी किया था। 14 अक्टूबर, 2015 को बरगाड़ी की घटना के बाद कोटकपूरा के बहिबलकलां में पुलिस तैनात कर दी गई, जिसमें पुलिस और सिख प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई। पुलिस ने फायरिंग कर दी और गुरजीत सिंह व अवतार सिंह नाम के दो युवकों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए।

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