दिसंबर 2018 तक पूरी तरह सील हो जाएगी भारत-पाक सीमा : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने तय किया है कि पड़ोसी देश से सटी सीमा पर फेंसिंग के स्थान पर ऊंची दीवार बनाई जाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया, दिसंबर 2018 तक पाकिस्तान से सटी सीमा को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा और इसकी लगातार निगरानी की जाएगी। इसके लिए बॉर्डर सिक्योरिटी ग्रीड का गठन किया जाएगा। राजनाथ ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है। ऐसे में हमें एकजुट रहना चाहिए और अपनी सेना के जवानों पर भरोसा रखना चाहिए।

9_rajnath-singh_650x400_51469360600सीमा पार से फायरिंग लगातार जारी

इस बीच लगातार सात दिन से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने वाली पाक सेना ने जम्मू, राजौरी और पुंछ जिलों के सीमांत इलाकों में गोलीबारी करने के साथ जमकर मोर्टार दागे। इसकी चपेट में आने से पुंछ व अखनूर में सेना के छह जवान घायल हो गए। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में बलनोई सेक्टर के सामने गुलाम कश्मीर में डेरा शेर खान व कोई क्षेत्र में तीन की मौत व कई के घायल होने की सूचना है। उधर, उत्तरी कश्मीर में भी बुधवार रात एलओसी पर चार जगहों पर संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ।

पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को नौशहरा के कलसियां, कलाल व पुंछ के कृष्णा घाटी व बलनोई सेक्टर में गोलाबारी की। इसमें भारतीय सेना के चार जवान घायल हो गए। तीन जवानों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें कमान अस्पताल ऊधमपुर रेफर कर दिया गया है। रेफर किए गए जवानों में नायक धनु कुमार, सिपाही श्रीधर व नायक दिनेश कुमार शामिल हैं। चौथे जवान का उपचार स्थानीय सैन्य अस्पताल में चल रहा है। वहीं, जम्मू के अखनूर के केरी सेक्टर में हुई गोलाबारी में घायल सेना के दो जवानों में 6 मद्रास के जवान आर सिल्वा कुमार व बाबू राम शामिल हैं।

पाकिस्तानी सेना लगातार सीमा पार से भारतीय सेना की कई चौकियों को निशाना बनाकर गोलाबारी कर रही है। गुरुवार सुबह ग्यारह बजे के बाद पाकिस्तानी सेना ने कृष्णा घाटी सेक्टर के अलावा प्लांवाला व केरी सेक्टरों में लांवाला में नियंत्रण रेखा से सटे छन्नी दवानों, गिगरियाल, बदवाल, पंजतूत, पलाटन, हमीरपुर, गढ़ खौड़ इलाकों में गोले बरसाए। भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान गोलाबारी से सीमांत क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। करीब एक लाख लोग गोलाबारी से प्रभावित हैं। केवल अखनूर क्षेत्र में ही साठ हजार ग्रामीण बेघर हो गए हैं।

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