सीलिंग के खिलाफ दिल्ली में बंद हैं 7 लाख से अधिक दुकानें, काह्रो तरफ पसरा है सन्नाटा

नई दिल्ली । सीलिंग के खिलाफ बुधवार को दिल्ली में चौथी बार बाजार बंद हैं। कारोबारी संगठनों का दावा है कि चांदनी चौक, करोलबाग, पहाड़गंज, कनॉट प्लेस, खान मार्केट, सरोजनी नगर, लक्ष्मी नगर समेत दिल्ली के तीन हजार से अधिक छोटे-बड़े बाजार बंद हैं। वहीं, दुकानें बंद रखकर व्यापारी, कर्मचारी रामलीला मैदान में सीलिंग के खिलाफ आयोजित महारैली में भाग ले रहे हैं।

दिल्ली में चार माह से जारी सीलिंग के खिलाफ आयोजित दिल्ली बंद व महारैली के माध्यम से व्यापारी केंद्र व राज्य सरकार पर अध्यादेश या कानून लाकर सीलिंग से राहत देने, सीलिंग की जद में आए प्रतिष्ठानों को फिर से डी-सील करने जैसी मांगें रख रहे हैं।

इस आंदोलन का आह्वान ऑल दिल्ली ट्रेडैंर्स एंड वर्कर्स एसोसिएशन ने किया है, जिसको कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट), चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, फेडरेशन ऑफ ट्रेड एसोसिएशंस समेत 2000 से अधिक कारोबारी संगठनों का समर्थन है। बंद व महारैली में ट्रांसपोर्ट और उद्योग भी प्रभावित हो सकता है। वहीं, महारैली में एक लाख से अधिक लोगों के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है।

बाजार बंद और महारैली को सफल बनाने को लेकर पखवाड़े भर से बाजारों में जनसंपर्क अभियान के साथ व्यापारियों के बीच बैठकों का दौर जारी था। कारोबारी संगठनों की कोशिश है कि इस आंदोलन के माध्यम से केंद्र व दिल्ली सरकार पर दबाव बनाया जाए। इसलिए बाजार बंद और महारैली में शामिल होने का सभी दुकानदारों और कर्मचारियों से आग्रह किया गया था।

वहीं, रैली में व्यवस्था बनाए रखने के लिए रामलीला मैदान के चप्पे-चप्पे पर बाउंसर तैनात हैं। इनकी संख्या 200 है, जिनकी मंच के पास अधिक से अधिक तैनाती की गई है। कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल व सीटीआइ के संयोजक बृजेश गोयल ने बताया कि महारैली में व्यापारियों की पत्नियों के साथ बच्चे और माता-पिता भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सीलिंग से पूरा परिवार प्रभावित है, इसलिए सभी इसके विरोध में हैं।

व्यापारी नेता रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के आंदोलन से चिंतित हैं कि उनके आंदोलन के लिए ज्यादा जगह नहीं मिल पा रही है।

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