सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर की दुकानों को तोडऩे के दिए आदेश, सामने आई ये बड़ी वजह…

उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता की मिसाल पेश की है। गोरखपुर में मोहद्दीपुर-जंगल कौडिय़ा फोर लेन के निर्माण की जद में पडऩे वाली गोरखनाथ मंदिर की दुकानों को तोडऩे के लिए बिना हिचक उन्होंने न केवल सहमति दे दी, बल्कि अधिकारियों को बुलाकर जल्दी से जल्दी इन दुकानों का अतिक्रमण हटाने का निर्देश भी दे दिया।

अब इन दुकानों के ध्वस्तीकरण का कार्य किया जा रहा है। अब तक 38 दुकानें तोड़ी जा चुकी हैं, शेष 52 दुकानें तोड़ी जानी बाकी हैं। सड़क के बीच से दोनों तरफ 11-11 मीटर दूरी में अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं।

दुकानें टूटने से जो दुकानदार प्रभावित हो गए हैं, मुख्यमंत्री ने उनका ख्याल भी रखा है। इसके लिए गोरखनाथ क्षेत्र में एक कांप्लेक्स निर्माण का उन्होंने निर्देश दिया है। उसमें उन्हें दुकानें आवंटित की जाएंगी। इसका नक्शा गोरखपुर विकास प्राधिकरण से पास हो चुका है।

गोरखपुर की महत्वपूर्ण सड़क मोहद्दीपुर-जंगल कौडिय़ा रोड को फोरलेन में तब्दील किया जा रहा है। 17.5 किमी लंबी इस सड़क की जद में गोरखनाथ क्षेत्र में गोरखनाथ मंदिर की दुकानें और चहारदीवारी भी पड़ रही थी। इस क्षेत्र में अन्य 200 दुकानें भी तोड़ी जानी हैं। गोरखनाथ क्षेत्र को छोड़कर मोहद्दीपुर-जंगल कौडिय़ा के बीच कुल 600 से अधिक मकान व दुकानें अतिक्रमण की जद में थे। बाकी जगह का अतिक्रमण पहले ही हटाया जा चुका है। अब गोरखनाथ क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का कार्य चल रहा है। यहां भी दो दिन के भीतर कार्य पूरा हो जाने की उम्मीद है। सड़क निर्माण की कार्यदायी एजेंसी एनएच (नेशनल हाईवे) है। फोरलेन का लगभग 60 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। विभाग का दावा है कि सड़क का निर्माण का कार्य जून तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। फोर लेन निर्माण की लागत लगभग 288 करोड़ रुपये है।

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