सीएम अमरिंदर से मिलने पहुंचे पंजाब कांग्रेस प्रधान जाखड़ से बदसुलूकी, बैरंग लौटे

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक करने पहुंचे पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ को सुरक्षाकर्मियों की बदसुलूकी का शिकार बनना पड़ा। इसके बाद वह सीएम के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के दफ्तर में बैठे र‍हे, लेकिन कैप्‍टन का रिस्‍पांस नहीं मिला। इससे नाराज होकर वह मुख्‍यमंत्री से बिना मिले ही चले गए। इसके बाद उन्‍हें मनाने के प्रयास हुए, लेकिन जाखड़ किसी से नहीं मिले। बताया जाता है कि वह देर रात दिल्‍ली चले गए।सीएम अमरिंदर से मिलने पहुंचे पंजाब कांग्रेस प्रधान जाखड़ से बदसुलूकी, बैरंग लौटे

पहले सुरक्षाकर्मियों ने मोबाइल फोन रखवाया, फिर सुरेश कुमार के दफ्तर में बैठ किए इंतजार

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व गुरदासपुर से सांसद सुनील जाखड़ कुछ विधायकों के साथ मुख्‍यमंत्री के साथ बैठक करने सचिवालय पहुंचे थे। बताया जाता है कि इसी दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उनसे बदसलूकी की। उन्हें पहले सीएम दफ्तर में फोन ले जाने से रोका गया। बाद में वह करीब दस मिनट तक मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के दफ्तर में बैठे रहे। मुख्यमंत्री की तरफ से कोई रिस्पांस न आने से नाराज होकर वह करीब छह विधायकों के साथ सचिवालय से चले गए। देर रात पता चला कि वह सड़क मार्ग से दिल्ली रवाना हो गए।

मैसेज पहुंचाने के बाद भी कैप्टन का रिस्पांस न मिलने पर हुए नाराज

जाखड़ की नाराजगी की खबर जैसे ही मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को पता चली तो वह हरकत में आ गए। उन्होंने अपने करीबी कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा की ड्यूटी जाखड़ को मनाने के लिए लगाई, लेकिन उनका संपर्क नहीं हो सका। सचिवालय से निकलने के बाद जाखड़ ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया।

जानकारी के अनुसार, सुनील जाखड़ ने मालवा क्षेत्र के करीब 12 विधायकों व पूर्व विधायकों के साथ कैप्टन अमरिंदर से मिलने का समय लिया था। तय समय करीब साढ़े चार बजे वे मुख्यमंत्री से मिलने सचिवालय पहुंचे। जाखड़ व अन्‍य नेता सीएम दफ्तर में जाने लगे तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मोबाइल फोन लेकर जाने से रोक दिया।

बताया जाता है कि इस पर विधायकों ने कहा कि जाखड़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और वह फोन लेकर जाएंगे, लेकिन सुरक्षाकर्मी नहीं माने। इससे नाराज होकर जाखड़ मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार के दफ्तर में जाकर बैठ गए। उनके साथ विधायक कुशलदीप ढिल्लों, दर्शन सिंह बराड़, अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग, गुरप्रीत कांगड़ आदि भी थे।

सुरक्षाकर्मियों द्वारा जाखड़ से बदसलूकी व फोन लेकर नहीं जाने देने की जानकारी मुख्यमंत्री के पास पहुंचाई गई, लेकिन 10 मिनट तक कोई रिस्पांस नहीं मिला। इससे नाराज होकर जाखड़ लौट गए। इसके बाद कैप्टन ने आनन-फानन में कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को जाखड़ को मनाकर उनके पास लाने की ड्यूटी लगाई। लेकिन जाखड़ का मोबाइल फोन स्विच आफ होने के कारण बाजवा का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। इस पर सीआइडी भी जाखड़ की जानकारी जुटाने में जुट गई कि वह कहां हैं। 

बाजवा के पहुंचने से पहले दिल्ली रवाना

जाखड़ सचिवालय से निेकलने के बाद पंचकूला स्थित अपनी कोठी पहुंचे। इसकी सूचना मिलने के बाद तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा उनसे मिलने रवाना हुए लेकिन इसी दौरान पता चला कि जाखड़ सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी। देर रात तक दोनों नेताओं जाखड़ व बाजवा के मोबाइल फोन स्विच ऑफ आते रहे।

 
 
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