सावधान, होली की मस्ती में हो सकती हैं ये सेहत संबंधित समस्याएं

21 मार्च को है रंगों का त्यौहार होली. अभी से ही लोग इसकी तैयारियों में लग गए हैं. सभी को होली का बेसब्री से इंतजार है. पर क्या आप जानते हैं के  इस दौरान हो सकती हैं कई सेहत संबंधी समस्याएं. जानें, होली पर आपको किन चीजों से रहना चाहिए सावधान.

स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम में सबसे पहले है एलर्जी-
होली के रंग अक्सर केमिकल से बनाए जाते हैं और इनसे लोगों को एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं. एलर्जी से त्वचा, आंखों, नाक और गले में जलन हो सकती है. इनसे संवेदनशील लोगों में सर्दी, खांसी और सांस की तकलीफें भी हो सकती हैं. इनसे दमा और अन्य जटिल समस्याएं ले सकती हैं गंभीर रूप.
त्वचा की समस्याएं-
होली के रंगों में संभावित हानिकारक केमिकल्स से त्वचा की समस्याएं होने का बहुत बड़ा खतरा होता है. इनसे खुजली, लालिमा, सूखापन, स्केलिंग,जलन का एहसास और फुंसियां हो सकती हैं. बालों पर भी पड़ सकता है होली के रंगों का प्रभाव. होली के बाद कई लोगों को बालों का झड़ना, सिर की त्वचा पर खुजली, गंजापन, बालों का बेजान और रूखा होने जैसी समस्याओं का सामान करना पड़ता है.
आंखों की समस्याएं-
होली के जश्न के बाद लोगों में पाई जाने वाली आम समस्याएं आंखों से जुड़ी होती हैं, जिनमें जलन, खुजली, आंखों में अधिक पानी आना, रोशनी के प्रति अधिक संवेदनशीलता, आंखों में दर्द या लाल होने के लक्षण शामिल होते हैं.
पाचन संबंधी समस्याएं-
होली के उल्लास में रंग लगे हाथों से पकवान खाने से हो सकती है पाचन संबंधी समस्याएं. इस दौरान आपको मिचली,उल्टी या पेट की तकलीफ हो सकती है, साथ ही इंफेक्शन होने की संभावना रहती है.
केमिकल का प्रयोग-
होली के रंगों में इस्तेमाल होने वाले कुछ रसायनों से आपके स्वास्थ्य के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है. इससे पैरालिसिस, गुर्दे की खराबी और त्वचा के कैंसर जैसी समस्याएं जुड़ी हैं इसलिए रहें सावधान.
इको-फ्रेंडली रंग आजकल हो रहे हैं बहुत लोकप्रिय
आजकल हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए इको-फ्रेंडली रंग बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं, लेकिन इन पर कोई नियमन नहीं है, इसलिए आपको भ्रामक लेवल से सावधान रहने की जरूरत है. नकली ऑर्गेनिक या झूठा दावा करने वाले उत्पादों से रहें सावधान .

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