#सावधान: अगर आपने भी ऐसे इस्तेमाल किया आई ड्रॉप तो हो जाएंगे अंधे

अगर आप भी इस तरह आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अभी रुक जाइए। इससे आंखों की रोशनी छिन सकती है। आप ग्लूकोमा (काला मोतिया) के शिकार हो सकते हैं। बता दें कि ग्लूकोमा के 15 प्रतिशत मरीजों के पीड़ित होने के कारण आई ड्रॉप का साइड इफेक्ट है।#सावधान: अगर आपने भी ऐसे इस्तेमाल किया आई ड्रॉप तो हो जाएंगे अंधे

देहरादून के आई स्पेशलिस्ट अनिकेत सेठ ने बताया कि कई आई ड्राप में स्टेरॉयड मिक्स होता है। उनके लंबे इस्तेमाल से आंखों में प्रेशर बढ़ता है। प्रेशर बढ़ने से ऑप्टिक नर्व डैमेज हो जाती है और मरीज ग्लूकोमा का शिकार हो जाता है। शुरुआत के दिनों में इसका पता चल जाए तो इसे रोका जा सकता है। एक बार ग्लूकोमा से रोशनी गई तो दोबारा वापस लाने का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी स्टेरॉयड मिक्स आई ड्रॉप के कई साइड इफेक्ट होते हैं।

भारत में ग्लूकोमा के तीन लाखा के करीब मरीज रजिस्टर्ड हो चुके हैं। कई बार आंखों की सर्जरी भी ग्लूकोमा का खतरा बढ़ा देती है। सर्जरी के बाद ध्यान नहीं देने से आंखों पर प्रेशर बढ़ जाता है, जो ग्लूकोमा को निमंत्रण देती है। आंखों में कभी भी किसी प्रकार की कोई सर्जरी हुई हो या कोई घाव हो गया हो तो उसकी जांच समय-समय पर करवाते रहें। हालांकि ऐसे मरीजों की संख्या कम है, लेकिन फिर भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहिए।

45 साल की उम्र के बाद ग्लूकोमा होने के चांस बढ़ जाते हैं। 45 के बाद आंखों का रेगुलर चेकअप कराते रहें। हो सकता है कि इस उम्र के लोगों को लगे कि उनकी नजर मोतियाबिंद की वजह से कमजोर हो रही है, लेकिन यह ग्लूकोमा भी हो सकता है।

ग्लूकोमा एक अनुवांशिक बीमारी है। ऐसे में बच्चे की आंखों की जांच करवा लीजिए। आंखों की एलर्जी, अस्थमा, चर्म रोग या किसी अन्य रोग के लिए स्टेरॉयड दवाओं का प्रयोग करने से आंखों में दिक्कत आती है तो ऐसी दवाइयों के सेवन से बचें।

आंखों में दर्द हो या आंखें लाल हो जाएं तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा का प्रयोग करें। खेलने के दौरान (टेनिस या क्रिकेट बॉल से) अगर आंखों में चोट लग जाए तो इसका इलाज कराएं। हर दो साल में आंखों की नियमित जांच करवाते रहिए। चेकअप करवाने से आंखों की रोशनी का पता लगाया जा सकता है।

अगर आपके चश्मे का नंबर बदल रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कीजिए। जब आप सीधे देख रहे हों तो आंखों के किनारे से न दिखाई दे रहा हो तब जांच करवाएं। सिर और पेट में दर्द हो तो खुद कोई दवा न ले। तुरंत चिकित्सक से संपर्क कीजिए। आंखों को पोषण देने वाले तत्वों जैसे बादाम, दूध, संतरे का जूस, खरबूजे, अंडा, सोयाबीन का दूध, मूंगफली आदि का ज्यादा मात्रा में सेवन कीजिए।

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