सर छुपाने के लिए कमरे के बदले होता था लड़कियों की इज्जत से खिलवाड़!

मेरठ से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है। यहां एक वॉर्डन हॉस्‍टल में रूम देने के बदले लड़कियों से गैर मर्दो को खुश करने की शर्त रखती हैं। दरअसल यह वॉर्डन इन मजनुओं की मसीहा बन गई हैं। सर छुपाने के लिए कमरे के बदले होता था लड़कियों की इज्जत से खिलवाड़!

लड़कियों को दिए गए कमरे के साथ शर्त ये रहती है कि वो लड़कों से बात करें और उन्हें खुश रखें। मरेठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के एक हॉस्टल में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों ने हॉस्टल की वॉर्डन पर गंभीर आरोप लगाए।

इस हॉस्‍टल की छात्राओं का आरोप है कि, वॉर्डन की बात ना मानने पर एक छात्रा का सामान हॉस्टल से बाहर फेंक दिया गया और उसकी पिटाई तो की ही लड़की का सामान भी लूट लिया।

दरअसल पूर्वी कचहरी मार्ग पर वैश्य अनाथालय ट्रस्ट की जमीन पर इंदिरा गांधी महिला छात्रावास है। हॉस्टल में लगभग 50 युवतियां रहती हैं, जिनमें से ज्यादातर या तो पढ़ाई कर रही हैं और कुछ युवतियां प्राइवेट जॉब करती हैं। यहां रहने वाली एक छात्रा संगीता का आरोप है की हॉस्टल की वॉर्डन मंजू राणा यहां रहने वाली युवतियों पर दबाव बनाती हैं कि वो उसके बताए गए मोबाइल नंबरों पर कॉल करके युवकों से दोस्ती कर लें, इसमें दोनो को फायदा है।

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छात्राओं का आरोप है कि जिन युवतियों ने वॉर्डन की बात मानने से इनकार किया, उन्हें अनर्गल आरोप लगाकर परेशान किया जाने लगा । इसी के चलते हॉस्टल प्रबंधन ने संगीता की साथी अनु चौधरी के कमरा नंबर 34 को ताला लगा दिया। अनु ने अपने कुछ दोस्‍तों को बुलाकर ताला खुलवाने का प्रयास किया तो हॉस्टल की वॉर्डन मंजू राणा ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। इस बात को लेकर विवाद हुआ तो वॉर्डन ने पुलिस बुला ली।

युवतियों का आरोप है कि हॉस्टल की वॉर्डन मंजू राणा, सहायिका माया, हेमलता और हॉस्टल की छात्रा ज्योती ने संगीता के कमरे में घुसकर उसकी पिटाई कर डाली। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस के सामने दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। पुलिस दोनों पक्षों को थाने पहुंचाने की बात कहकर वापस लौट गई। बाद में दोनों पक्षों ने थाने पहुंचकर एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की है।

वहीं हॉस्टल प्रबंधन ने अपनी सफाई में कहा कि हॉस्टल की कुछ छात्राओं के पास बाहरी युवकों का आना जाना है साथ ही ये छात्राएं न तो समय से किराया देती हैं और न ही बिजली का बिल। हॉस्टल प्रबंधन का कहना है कि जब इन छात्राओं से कमरा खाली करने को कहा गया तो उन्होंने अनर्गल आरोप लगाना शुरू कर दिया और हॉस्टल की वॉर्डन और एक छात्रा की पिटाई कर डाली।

 
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