सरकारी भर्ती को लेकर हाइकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक वर्ग भर्ती की प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। ऐसे में अब सिर्फ इन लोगों को ही नौकरी मिलेगी, यहां पढ़ें जज ने क्या कहा।
हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में मल्टी पर्पस हेल्थ वर्कर (एमपीएचडब्ल्यू पुरुष) के पद पर नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे योग्य आवेदकों को बड़ी राहत मिल गई है। हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी आवेदकों को आश्वस्त कर दिया है कि एक सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। बाहरी राज्यों के आवेदकों को इस फैसले से बड़ा झटका लगा है।
बता दें कि हरियाणा में इन पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया पिछले कई महीनों से पूरी तरह सिरे नहीं चढ़ पा रही थी। लेकिन, अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि इन पदों पर नियमानुसार हरियाणा के युवाओं की ही नियुक्तियां मिलेंगी, वहीं दूसरे राज्य के आवेदक इन नियुक्तियों के योग्य नहीं होंगे। उन्हें भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।
दरअसल, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 1 फरवरी 2015 को स्वास्थ्य महकमे में एमपीएचडब्ल्यू पुरुष की भर्ती के तहत 1024 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। नियमानुसार इन पदों पर नियुक्तियां उन्हीं युवाओं को दी जानी थी, जो हरियाणा के मूल निवासी हो और इस पद के लिए संबंधित कोर्स भी हरियाणा सरकार द्वारा अधिकृत संस्थान से ही किया हो।
29 जनवरी 2017 को इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा हुई और 5 अगस्त 2018 को आयोग ने नियुक्ति संबंधी पहली सूची जारी कर दी। पहले चरण में 673 पदों पर तो योग्य युवाओं को नौकरी दे दी गई, लेकिन उसी दौरान करीब 87 केसों में कई युवाओं ने हाईकोर्ट में अपनी उच्च मेरिट को आधार बनाते हुए अपील कर दी। हाईकोर्ट के आदेश पर नियुक्ति प्रक्रिया को वहीं रोकते हुए आयोग ने अपील करने वाले युवाओं के प्रोविजनल इंटरव्यू भी ले लिए।
दूसरी ओर, हरियाणा के वे आवेदक जो इस प्रक्रिया से प्रभावित हो रहे थे, उन्होंने भी हाईकोर्ट में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा। एमपीएचडब्यू (पुरुष) संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष धर्मेश ने बताया कि हाईकोर्ट में बताया गया कि संबंधित पदों पर नियमानुसार केवल हरियाणा के ही युवाओं की नियुक्ति हो सकती है और अपील करने वाले युवा बाहरी राज्यों के हैं। उन्होंने संबंधित पद के लिए आवश्यक कोर्स भी बाहरी राज्यों से किया हुआ है।
प्रदेशाध्यक्ष धर्मेश ने बताया कि उनकी बात सुनने के बाद हाईकोर्ट ने आयोग को आदेश दिए हैं कि जिन युवाओं के प्रोविजनल इंटरव्यू हुए हैं, उसे रद्द मानते हुए हरियाणा के युवाओं को ही मेरिट के आधार पर पदों पर नौकरी दी जाए।एमपीएचडब्ल्यू पद पर नियुक्ति पाने वाले आवेदक उनसे मिले थे। उनकी इस संदर्भ में आयोग के चेयरमैन से भी बात हो गई है। युवाओं को आश्वस्त कर दिया गया है कि एक सप्ताह के भीतर उन्हें उनके पसंदीदा केंद्रों पर नियुक्तियां दे दी जाएंगी।