लड़की समोसे के चक्‍कर में बाल बाल बची ……….हे भगवान!

समोसे के चक्‍कर में कोई लड़की इतना नीचे जा सकती है…हे भगवान! बिलासपुर। जोनल स्टेशन में एक युवती दुर्घटना का शिकार होने से बच गई। ऐन मौके पर यदि प्लेटफार्म पर खड़े यात्री उसे नहीं खींचते तो वह ट्रेन के नीचे आ जाती। दरअसल वह समोसे खरीदने के बाद चलती ट्रेन से चढ़ने की कोशिश कर रही थी। इस बीच उसका नियंत्रण खो गया।लड़की समोसे के चक्‍कर में बाल बाल बची ..........हे भगवान!

 

घटना रविवार शाम 7.30 बजे गोंदिया-रायगढ़ जनशताब्दी एक्सप्रेस की है। रायगढ़ इंदिरा नगर निवासी नीतू पिता जगदीश कुमार (20) अपने दोस्तों के साथ किसी काम से बिलासपुर आई थी। शाम को वापस जाने सभी जोनल स्टेशन पहुंचे। सभी डी-11 कोच में चढ़ गए। इसी बीच दोस्तों ने समोसा खाने की इच्छा जताई।

इस पर नीतू स्टॉल पहुंचकर समोसे खरीद रही थी। उसी समय ट्रेन छूटने लगी। एक हाथ में समोसा लेकर वह कोच में चढ़ने की कोशिश करने लगी। इसी बीच पैर फिसलने से वह नीचे गिर गई। पैर ट्रेन के नीचे जाने लगा। इस घटना को देखकर प्लेटफार्म पर खड़े यात्री भागे और किसी तरह यात्री को अपनी ओर खींचे। इधर दोस्तों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी। इसके बाद देखते ही देखते भीड़ लग गई। जीआरपी भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। यात्री को मामूली चोटें आई है। घटना के चलते ट्रेन 10 मिनट देर से रवाना हुई।

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रोज यही नजारा 

जोनल स्टेशन में यह पहली घटना नहीं है। इस तरह के नजारे रोज देखे जा सकते हैं। इसके लिए यात्रियों को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अक्सर वे अपनी जान खतरे में डालकर चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा कई बार तो यह भी देखा गया है कि जानबूझकर ट्रेन से उतर जाते हैं और जब ट्रेन छूटने लगती है तब ट्रेन में चढ़ते हैं। कुछ महीने पहले इसी वजह से एक युवक ट्रेन की चपेट में आ गया था।

पायदान में बैठे यात्रियों पर नहीं होती कार्रवाई

यात्रा के दौरान ट्रेन के पायदान पर बैठना भी अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे यात्रियों को मना करने के साथ उनके खिलाफ आरपीएफ को कार्रवाई करने का निर्देश है। लेकिन आरपीएफ अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन केवल विशेष अभियान के दौरान ही पूरा करती है। बाकी के समय में कार्रवाई तो दूर ऐसे यात्रियों को मना तक नहीं किया जाता।

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