समाजवादी पार्टी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी का परिवर्तन रथ तैयार

समाजवादी पार्टी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी का परिवर्तन रथ तैयार उत्तर प्रदेश में शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के विकास रथ को टक्कर देने के लिए भारतीय जनता पार्टी का परिवर्तन रथ तैयार है। आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहारनपुर से परिवर्तन रथ को हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं। परिवर्तन यात्रा के लिए तैयार चार रथों पर कई नारे लिखे हैं। इन नारों से बीजेपी ने एक साथ एसपी और बीएसपी पर निशाना साधने की कोशिश की है। साथ ही जनता को यह संदेश देने की भी कोशिश है कि बीजेपी का एजेंडा सिर्फ विकास है।

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बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा था कि नाउम्मीद यूपी को उम्मीद का प्रदेश बनाएंगे। यूपी में अब तक एसपी और बीएसपी ने खेल बना रखा था। एक बार एसपी और एक बार बीएसपी। अब प्रदेश में यह समाप्त होगा और यूपी भी विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।

बीजेपी ने यूपी में चार परिवर्तन यात्राएं निकालने की योजना बनाई है। पहली यात्रा आज सहारनपुर से रवाना होगी। दूसरी यात्रा की शुरुआत 6 नवंबर को झांसी से होगी। तीसरी यात्रा 8 नवंबर को रॉबर्ट्सगंज से तो चौथी यात्रा 9 नवंबर को बलिया से शुरू होगी। इन यात्राओं में 17 हजार किलोमीटर का सफर किया जाएगा। यात्रा के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं की 30 बड़ी सभाएं भी होंगी। सभी 75 जिला मुख्यालयों पर परिवर्तन सभाएं भी होंगी।

बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के मुताबिक अखिलेश के रथ यात्रा को लोहिया जी ने धिक्कारा है। तभी उनकी यात्रा शुरू होने से पहले ही लोहिया द्वार पर समाप्त हो गई। इतना ही नहीं मौर्य ने अखिलेश को सैफई परिवार का आखिरी शासक तक कह डाला।

 

बीजेपी की चारों परिवर्तन यात्राएं 24 दिसंबर को लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी रैली के साथ खत्म होगी। हालांकि इन यात्राओं के दौरान भी प्रधानमंत्री 6 बड़ी सभाओं को संबोधित करेंगे। रथ पर लगी तस्वीरों से साफ है कि बीजेपी जनता को संदेश देना चाहती है कि पार्टी उत्तर प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है। रहा मुख्यमंत्री पद के चेहरे का सवाल तो पार्टी ने इसका फैसला सही वक्त के लिए छोड़ रखा है।

बीजेपी नेता श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, यूपी को सुशासन और विकास की जरूरत है। यूपी की जनता अपराध और परिवारवाद से मुक्ति चाहती है। इन सब से मुक्ति सिर्फ बीजेपी ही दे सकती है।

2014 में मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को यूपी में बड़ी सफलता मिली थी। अब यूपी विधासनभा चुनाव में भी पार्टी इसी भरोसे के साथ उतरती दिख रही है। स्थानीय नेताओं में जोश बना रहे इसलिए प्रदेश के बड़े चेहरों को भी रथ पर जगह दी गई है। 265 प्लस का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी की ये परिवर्तन यात्रा कितनी सीट दिला पाएगी, ये चुनाव के नतीजे बताएंगे।

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