सभी आशाओं को पूरा करेगा ये अनोखा व्रत, महिलाओं के लिए होता हैं बहुत ही शुभ

हर किसी के जीवन में कोई ना कोई आशाएं होती ही हैं जिन्हें वो पूरा करना चाहता है. अपनी आशाएं पूरी करने के लिए हम किसी ना किसी देवी देवता का व्रत या उनकी आराधना करते ही हैं जिससे हमारी मनोकामना पूरी हो जाये. ऐसे ही एक व्रत के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसे करने से आपकी हर इच्छा पूरी होगी. वैसे तो हर व्रत करने से हमे कोई ना कोई फल मिलता ही है लेकिन जिसके बारे में हम बताने जा रहे है उस व्रत कानाम ही आशा दशमी है.सभी आशाओं को पूरा करेगा ये अनोखा व्रत, महिलाओं के लिए होता हैं बहुत ही शुभ

दरअसल, आशा दशमी का व्रत सभी आशाओं को पूर्ण करने वाला होता है जिसे किसी भी मास में शुक्ल पक्ष दशमी तिथि से आरंभ किया जा सकता है. जी हाँ, इसे हर महीने की दशमी से मनाया जा सकता है. इतना ही नहीं इस व्रत को महाभारत के काल से माना जाता है यानी उस समय में भी इस व्रत को किया जाता था और आज भी महिलाएं इस व्रत को करती हैं. जैसा कि नाम से ही ज्ञात हो रहा है ये आपकी सभी आशाओं को पूरा करने वाला है.

बता दें, इस व्रत में माता पार्वती का पूजन किया जाता है ताकि वो हमारी हर आशा को पूरी करें. इस व्रत में दस दिशाओं को देवियों के रूप में मानकर पूजन करना चाहिए. इस व्रत को लेकर ये भी कहा जाता है कि शिशुओं को दंत पीड़ा हो तो इस व्रत के प्रभाव से यह पीड़ा दूर हो जाती है. इसके अलावा कई रोग से मुक्ति भी मिलती है. व्रत को पूरा करने के लिए घर के आंगन में दसों दिशाओं के चित्रों की पूजा करनी चाहिए. दशमी के दिन देवताओं का पूजन कर रात्रि में 10 आशा देवियों की पूजा करनी चाहिए.

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