सतलज यमुना लिंक पर कांग्रेस की पोल खुली; जनता देख रही है चुनावी नौटंकी
SYL यानी सतलज यमुना लिंक के मुद्दे पर कांग्रेस ने पंजाब में पूरा जोर लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही सियासत उबल रही है। कांग्रेस के नेता अलग-अलग बयान दे रहे हैं। पंजाब की सियासत में भूचाल आ गया है। कांग्रेस के हाथ से बड़ा चुनावी मुद्दा निकलता दिख रहा है। बात कर रहे हैं SYL के बारे में। सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के पक्ष में क्या आया, कांग्रेस की सियासत की पोल खुल गई।
दरअसल इन दिनों कांग्रेस कन्फ्यूज सी दिख रही है। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का विरोध करने को लेकर पहले से पार्टी की किरकिरी हो रही है। ऐसे में सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर पार्टी में ही दो फाड़ दिखाई दे रहा है। पार्टी को समझ नहीं आ रहा है कि वो इस फैसले पर किस तरह से अपनी राय पेश करे। हरियाणा और पंजाब कांग्रेस के नेताओं में ही आपसी तालमेल नहीं दिखाई दे रहा है। हीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बयान ने भी पार्टी को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है।
SYL को लेकर कांग्रेस ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी है वो जनता देख रही है। जनता को समझ नहीं आ रहा है कि कांग्रेस इसका स्वागत कर रही है या फिर विरोध कर रही है। या फिर कांग्रेस पंजाब और हरियाणा दोोनों राज्यों की राजनीति को साधने के चक्कर में खुद फंसती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसका स्वागत करते हुए एतिहासिक करार दिया। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्याय की जीत है। हरियाणा को उसका अधिकार मिलेगा। बता दें कि सुरजेवाला हरियाणा से आते हैं। लेकिन पंजाब कांग्रेस के नेताओं की राय अपनी ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता की राय से जुदा है। पंजाब कांग्रेस के सभी 42 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया। प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फ़ैसले में सतलुज-यमुना लिंक पर हरियाणा के अधिकार पर मुहर लगाई। किसान का संघर्ष रंग लाया। जय हरियाणा व शुभकामनाएँ।
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) 10 November 2016