शाह ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कई बड़े बयान दिए, जानें?

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 19 मार्च को गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में स्नातक विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान शाह ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कई बड़े बयान दिए।

केंद्रीय गृह मंत्री  ने 19 मार्च को  गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में स्नातक विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान शाह ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कई बड़े बयान दिए।

सभी ने स्वीकार किया ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’

अमित शाह ने यहां कहा कि को सभी ने स्वीकार किया है और पूरा देश इसे लागू करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अतीत में शिक्षा निति के वैचारिक जुड़ाव के कारण विवाद खड़ा हो गया था। शाह ने कहा कि एनईपी 2020 शिक्षा को संकीर्ण सोच के दायरे से बाहर लाने का काम करेगी।

विवादों में रही नई शिक्षा निति

कहा कि आमतौर पर, शिक्षा नीतियों का विवादों में फंसने का इतिहास रहा है। अतीत में दो एनईपी आई लेकिन वे हमेशा विवादों से घिरी रही। विवादों का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य से हमारी शिक्षा नीति को विचारधारा से जोड़कर उस विचारधारा के सांचे में बदलने की परंपरा रही है।, ‘नरेंद्र मोदी 2022 में जो शिक्षा नीति लाए थे उसका न तो विरोध हुआ और न ही आरोप लगा। एक तरह से पूरे समाज ने इसे स्वीकार किया है और पूरा देश इसे लागू करने के लिए आगे बढ़ रहा है।

नई शिक्षा नीति का अध्ययन करने की अपील

शाह ने ने शिक्षकों से विशेष रूप से  करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्रों को उनके बचपन से लेकर शिक्षा के अंत तक एक मंच प्रदान करने वाली है। नई शिक्षा नीति का कार्य ऐसे नागरिक का निर्माण करना है जो राष्ट्रीय गौरव के साथ-साथ विश्व कल्याण की भावना से ओत-प्रोत हो।

गृह मंत्री ने कहा कि अगर 130 करोड़ लोगों में से प्रत्येक एक कदम चले तो देश 130 करोड़ कदम चलेगा। उन्होंने कहा कि की दिशा में भी काम किया है और इसकी स्टार्ट-अप नीति में उनकी संख्या 2016-17 में 724 से बढ़कर 2022 में 70,000 से अधिक हो गई है। कम से कम 107 भारतीय स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न बन गए हैं और पेटेंट आवेदनों की संख्या भी 2014 में 3,000 से बढ़कर 2021-22 में 1.5 लाख हो गई है।

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