नरेंद्र मोदी के अमेरिका जाने से, पाकिस्तान की बढ़ रही बेचैनी

• मोदी के अमेरिकी दौरे पर कई अहम रक्षा समझौते होने की उम्मीद
• पाकिस्तानी अधिकारियों की लगी है मोदी के दौरे पर नजर
• F-16 और F-18 के भारत में निर्माण और एयरक्राफ्ट करियर पर समझौता संभव
• ऐसा करियर अब तक चीन के पास भी नहीं है
 
अमेरिका में हैं नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान की बढ़ रही बेचैनी
अमेरिका में हैं नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान की बढ़ रही बेचैनी

एजेंसी/ वॉशिंगटन. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे में होने वाले संभावित समझौतों को लेकर पाकिस्तान काफी बेचैन है। मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में अहम समझौते हो सकते हैं। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की चिंता इसी बात को लेकर है। इस दौरे पर भारत को F-16 और F-18 के अपने यहां निर्माण होने और भारत को अमेरिका से प्रेडेटर डोन मिलने जैसी कई रक्षा सौगातें मिल सकती हैं।

पाकिस्तान की बढ़ रही बेचैनी

इसलिए पाकिस्तान में परमाणु हथियारों को नियंत्रित करने वाले नैशनल कमांड अथॉरिटी के सचिवालय के रूप में काम करने वाले सामरिक योजना प्रभाग (SPD) के वरिष्ठ अधिकारियों की नजर मोदी के इस दौरे पर बनी हुई है। इस दौरान अमेरिका मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) ग्रुप में भारत को शामिल कर सकता है। ऐसा हो गया तो भारत को इस ग्रुप के दूसरे विकसित देशों के साथ मिसाइल की अत्याधुनिक तकनीक भी मिल जाएगी। अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर भी भारत-अमेरिका के बीच ऐतिहासिक रक्षा सहयोग का दौर शुरू होने का ऐलान कर चुके हैं। 
यह है पाक की सबसे बड़ी बेचैनी
हालांकि इन सबसे अहम है भारत को अमेरिका से न्यूक्लियर मिसाइल कैरियर मिलना। अगर भारत को अमेरिका से यह एयरक्राफ्ट कैरियर मिल जाता है तो भारत केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि चीन को भी रक्षा तकनीकी के क्षेत्र में मीलों पीछे छोड़ देगा। इस तरह का कैरियर अभी चीन के पास भी नहीं है तो पाकिस्तान अभी इसे कहीं और से हासिल भी नहीं कर सकता है। इस कैरियर में एक साथ 100 से ज्यादा लड़ाकू विमान ले जाए जा सकते हैं। इससे न्यूक्लियर मिसाइल युक्त विमान भी उड़ान भर सकते हैं। अमेरिका से होने वाले रक्षा सौदों में अगर भारत इन तकनीकी पहलुओं पर बाजी मार लेता है तो वह साउथ एशिया में चीन के समकक्ष आ सकता है।

अमेरिका भी चाहता है भारत हो ताकतवर
दरअसल, अमेरिका भी साउथ एशिया में भारत को चीन के समकक्ष रखना चाहता है। हाल ही में दोनों देशों की नौसेना के बीच साउथ चाइना सी को लेकर विवाद दुनिया के सामने आए थे। जानकारी के मुताबिक अमेरिका का मानना है साउथ एशिया में भारत के सक्षम होने से चीन की मनमानी पर अंकुश लगेगी। चीन का इस इलाके में जापान, वियतनाम, फिलीपीन्स, ताइवान, मलयेशिया, ब्रूनेई आदि देशों से विवाद है। हाल ही में यूएस पसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने कहा है कि वॉशिंगटन भारत और दूसरे देशों से हिंद महासागर और साउथ चाइना सी में पट्रोलिंग की आजादी का समर्थन चाहता है। आपको बता दें कि इस समय अमेरिका के साथ सबसे ज्यादा सैन्य अभ्यास में शामिल होने वाला देश भी भारत ही है।

पाकिस्तान का F-16 ‘दर्द’
हाल ही में पाकिस्तान की अमेरिका के साथ F-16 को लेने की डील रद्द हो गई है। पाकिस्तान की इस डील को लेकर काफी उम्मीदें थीं। अब संभव है कि भारत अपने यहां F-16 और F-18 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान बनाने पर समझौता कर ले। अमेरिका ने पहले ही भारत को यह ऑफर दिया हुआ है। ऐसा हुआ तो पाकिस्तान के माथे पर और बल पड़ जाएंगे। इन विमानों को बनाने वाली कंपनियां भारत में उत्पादन शुरू करने को तैयार हैं। केवल अमेरिकी सरकार और कांग्रेस की मुहर लगनी बाकी है।

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